‘बिहार में बहार है क्योंकि नीतीश कुमार है’ ये जुमला सीएम नीतीश के समर्थकों का है। कथित ‘सुशासन बाबू’ नीतीश कुमार 2005 से लगातार मुख्यमंत्री हैं (जीतन राम मांझी के 9 महीने का कार्यकाल छोड़कर)

कुर्सी के लिए नीतीश कुमार ने तमाम पार्टीयों के साथ समझौता किया। लेकिन सवाल ये है कि कुर्सी पर रहते हुए नीतीश कुमार ने 2005 से अभी तक बिहार को क्या दिया? बिहार में कितना बहार आया? कितना विकास हुआ?

और विकास का मतलब सिर्फ सड़क बनना नहीं होता, शिक्षा, सेहत और रोजगार के क्षेत्र में भी तरक्की करना होता है। तो क्या है बिहार की जमीनी हकीकत?

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एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार देश का सबसे गरीब राज्य है। यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) और ओपीएचआई की रिपोर्ट बताती है कि बिहार की आधी से ज्यादा आबादी गरीब है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड की स्थिति भी बिहार से सही है।

गरीबी की इस लिस्ट में जहां पहले स्थान पर बिहार है, वही दूसरे स्थान पर झारखंड और उत्तर प्रदेश है। तीसरे नंबर पर है मध्य प्रदेश। रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 19.3% और यूपी में 19.7% लोग गरीब है।

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वहीं झारखंड और मध्य प्रदेश में 20.6 % लोग हाशिए पर हैं। रिपोर्ट बताता है कि अगर जल्दी ही गरीबी पर काबू नहीं पाया गया तो ये पूरे बिहार को लील लेगा। बता दें कि साक्षरता के मामले में भी बिहार सबसे पिछड़ा राज्य है।

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