जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद की माँ की याचिका आखिरकार दिल्ली हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दी है। करीब दो साल पहले जेएनयू से लापता हुए नजीब के मामले में अब सीबीआई क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करेगी।

छात्र की माँ फातिमा नफीस ने कोर्ट से मांग की थी इस मामले की जांच कर रही सीबीआई को हटाने और जांच के लिए विशेष जांच दल गठित (एसआईटी) हो।

कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला चार सितंबर को सुरक्षित रख लिया था, सीबीआई हाईकोर्ट के याचिका ख़ारिज कर देने के बाद नजीब की माँ फातिमा ने कहा कि कोर्ट ने उनसे कहा वो अपनी बात निचली अदालत में रख सकती हैं और इतना कहकर पीठ ने याचिका का निपटरा कर दिया।

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नजीब की माँ फातिमा ने कहा कि दो साल हो गए हमारी बहुत उम्मीद है कोर्ट से इसलिए हम हिले भी। सीबीआई ने कोर्ट को गुमराह किया है। हम इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जायेंगें। ये सबकुछ इसलिए हो रहा है क्योकिं सत्ता में बैठे लोगों ने इस मामले में दबाव बनाया है।

इस पर कन्हैया ने ट्वीट करते हुए लिखा, ये बेहद शर्मनाक है कि सीबीआई नजीब को ढूंढने की बजाय केस बंद करने की कोशिश कर रही है। नजीब के गायब होने के एक दिन पहले संघ-भाजपा के छात्र संगठन ABVP के लोगों ने उसके साथ मारपीट की थी। इसीलिए ठीक तरह से जाँच किए बिना ही सरकार के इशारे पर केस को बंद किया रहा है।

बता दें कि 16 अक्टूबर 2016 को नजीब अहमद से आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर मारपीट की थी। जिसके बाद से वह ग़ायब है। जेएनयू के जिन 9 छात्रों पर नजीब पर हमला और उसके बाद अपहरण करने का आरोप लगा था।

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मगर पिछले दो सालों से ज्यादा वक़्त गुजर जाने के बाद सीबीआई उनसे पूछताछ तक नहीं कर पाई है। देश की सबसे उच्च कोटि की जाँच एजेंसी होने का दावा करने वाली सीबीआई अब हाईकोर्ट क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल करेगी।

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