सीबीआई निदेशक राकेश अस्थाना पर रिश्वत लेने के आरोप में FIR दर्ज करवाई गई है। अस्थाना पर आरोप है कि मांस  कारोबारी मोईन कुरैशी से जुड़े एक मामले में, जिस आरोपी के खिलाफ वह जांच कर रहे थे उससे उन्होंने रिश्वत ली है। अस्थाना ने दो महीने पहले सीबीआई निदेशक अलोक वर्मा के खिलाफ यही शिकायत की थी।

राकेश अस्थाना 1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस हैं। वो पहली बार साल 1996 में चर्चा में आए थे जब उन्होंने चारा घोटाला मामले में लालू यादव को गिरफ्तार किया था।

गौरतलब है कि साबरमती एक्सप्रेस में आगजनी की जांच के लिए भी गठित एसआईटी को राकेश अस्थाना ही लीड किया था।

अस्थाना पर एक कारोबारी सतीश सना से दो करोड़ रूपये की रिश्वत लेने का आरोप है। कारोबारी का कहना है कि सीबीआई जांच से बचाने के लिए अस्थाना ने दिसंबर 2017 से अगले दस महीने तक करीब दो करोड़ रूपये की रिश्वत ली थी।

इसपर सीबीआई की तरफ से कहा गया कि ये आरोप मिथ्या और दुर्भावनापूर्ण’ है। ये पूरा मामला कॉल रिकॉर्ड और वाट्सएप मैसेज पर आधारित है।

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सीबीआई के मुताबिक, कथित रिश्वत मामले में बिचौलिए मनोज प्रसाद के पकड़े जाने के बाद उसने नौ फोन कॉल का विश्लेषण किया है।

गौरतलब हो कि पिछले दिनों सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने अपने ही डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ सरकार से शिकायत कर दी थी जिसके बाद सीवीसी ने मामले की जांच शुरू कर दी थी।

इसके बाद सीबीआई डायरेक्टर ने भी अपने नंबर दो के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। राकेश अस्थाना ने सीवीसी को लिखे पत्र में अपने फंसाए जाने की भी आशंका जाहिर की थी।

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