बुधवार को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने एक बयान जारी कर बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर के दामों में 60 रूपये की बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है. इस ऐलान के बाद बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 820 से बढ़ कर 880 रूपये का हो गया.

देशभर के लगभग हर राज्य में 80 रूपये प्रति लीटर की दर से मिल रहे पेट्रोल के बाद ये बढ़ोतरी आम जनता की जेब पर महंगाई की नई मार है.

लेकिन इसी बीच देखने वाली बात ये है कि लगातार एक के बाद एक हो रहे सरकारी कार्यक्रमों के बीच महंगाई बढ़ने की खबरें लागतार पीछे छूट रही हैं.

इस समय ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की कवरेज मीडिया में सबसे अधिक है. इसी कारण एलपीजी के दामों में 60 रूपये की बढ़ोतरी वाली इस खबर पर मीडिया में सीमित कवरेज है.

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पिछले महीने भी भारी विरोध के कारण सरकार को पेट्रोल के दामों में कमी लाने पर मजबूर होना पड़ा था. अब बारी एलपीजी की है. वैसे अभी तक किसी भी बड़े नेता का बयान इस बढ़ोतरी को लेकर नहीं आया है. ना ही किसी नेता ने एलपीजी की बढ़ी कीमतों की तुलना अब सस्ते हो चुके इंटरनेट डेटा से की है.

लेकिन सोशल मीडिया पर लगातार स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के विरोध और सरकार की बढ़ती महंगाई पर आलोचना में एलपीजी के बढ़े दामों की चर्चा ने तूल पकड़ लिया है.

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पत्रकार समीर अब्बास ने इस मुद्दे पर सरकार के साथ साथ मीडिया पर भी इशारों इशारों में निशाना साधते हुए ट्वीट कर लिखा कि “कल रात 12 बजे बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर सीधे 60 रूपये और महंगा हो गया. पर अब खुशहाली इतनी है कि शायद अब किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता”.

आमतौर पर चुनावों से ठीक पहले बढ़ती महंगाई को सरकारें और मीडिया बड़ी ही गंभीरता से लेती है. क्योंकि विपक्ष के लिए बढ़ती महंगाई पर सरकार को घेरना आसान होता है और जनता भी बढ़ती महंगाई पर मुखर होती है.

लेकिन वर्तमान राजनीति परिस्थियों को देखकर ऐसा लगाता नहीं की बढ़ती महंगाई सरकार के लिए कोई चिंता का विषय है.

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पेट्रोल, डीजल और अब एलपीजी की कीमत अपने उच्चतम स्तर पर है परंतु सरकार द्वारा लगातार एक के बाद हो रहे कार्यक्रमों के कारण लगातार महंगाई की चर्चा जनता और मीडिया के बीच से नदारद है.

7 COMMENTS

  1. मोदी मादरचोद मुर्ति की जगह शिक्षा और मंहगाई की तरफ ध्यान देता तब मानते 56″ कू सीना है….. लेकिन तू नल्ला है बीवी तो संभली नहीं चला है मादरचोद देश संभालने

  2. • जब मोदी जी पैदा भी नहीं हुए थे— तब तक देश पाकिस्तान से एक युद्ध जीत चुका था.. • मोदी जी जब बोलना भी नहीं सीखे थे, तब तक भारत दुनिया का सर्व श्रेष्ठ संविधान बना चुका था… • मोदी जी जब घुटनों के बल चलना सीख रहे थे, तब तक भारत एशियाई खेलों की मेजबानी कर चुका था… • मोदी जी जब गुल्ली डंडा खेलते थे… भारत में भाखड़ा और रिहंद जैसे बाँध बन चुके थे… • मोदी जी जब स्कूल में किताबें पलट रहे थे तब देश भामा न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर का उद्घाटन कर चुका था.. • मोदी जी जब लालटेन जलाना सीख रहे थे देश में तारापुर परमाणु बिज़ली घर शुरू हो चुका था… • मोदी जी को कपड़ा पहनना नहीं आया था… जब देश में कई दर्जन AIIMS, IIT, IIMS और सैकड़ों विश्वविद्यालय खुल चुके थे.. • मोदी जी जब अपनी नाक पोंछना भी नहीं सीखे थे… तब नेहरु जी ने नवरत्न कम्पनियाँ स्थापित कर दी थी… • मोदी जी जब स्कूल में इतिहास पढ़ रहे थे पंडित नेहरु पुर्तगाल से जीत कर गोवा को भारत में मिला चुके थे… • मोदी जी की अक्कल दाढ आने से पहले… नेहरु जी ने ISRO की शुरुआत कर दी थी… • मोदी जी की पूरी दाढ़ी मूँछ उगने से पहले, भारत में श्वेत क्रांति की शुरुआत हो चुकी थी.. • मोदी जी जब हाफ पैन्ट पहन रहे थे.. देश में उद्योगों का जाल बिछ चुका था… • मोदी जी जब शाखा में लाठियां भांज रहे थे… इंदिरा जी पाकिस्तान के दो टुकड़े कर चुकी थी … • मोदी जी जब अर्थशास्त्र का abc नहीं जानते थे (वैसे अब कौन सा जानते हैं, सीमेंट बोरी120/-), तब भारत में बैंकों का राष्ट्रीयकरण हो चूका था.. • मोदी जी जब कानूनी रूप से वयस्क हुए, तब तक इंदिरा जी ने सिक्किम को देश में जोड़ लिया था…. • मोदी जी जब अपनी पत्नी को छोड़ कर घर से भागे थे इंदिरा जी ने पहला

  3. 70 साल में कुछ नही हुआ, अभी 4 साल पहले हम को पता चला #ऑक्सीजन लेनी होती है जीने के लिये,70 साल से मिट्टी का तेल सूंघ के जी रहे थे ।
    4 साल पहले #रेल सेवा शुरू हुई 70 साल से पटरी केवल खाद बनाने के काम आती थी
    4 साल पहले लोग #प्लेन में बैठ कर उड़ना शुरू किये,70 साल तक तो कुतुब मीनार से कूद कर उड़ने की कोशिश करते थे हम
    4 साल पहले #बैंक के बारे में जाना भारतीयों ने ,70 साल से अपना पैसा जमीन में खोद के डाल देते थे हम
    4 साल पहले कम्प्यूटर/प्रिंटर आदि के बारे में पता चला, 70 साल से #टाइपराइटर से फोटोकॉपी करते रहे
    4 साल पहले नोट #करंसी के रूप में मिले, 70 साल से अशर्फियां ही देखते आये हम
    4 साल पहले हमें इलाज कराने को अस्पताल मिले,70 साल से बिमार होने पर #सल्फ़ास चाट लेते थे
    4 साल पहले बिजली आई,70 साल तक #जुगनू को पाल पोस के गुजारा हो रहा था
    4 साल पहले गैस मिली,70 साल से पत्थर रगड़ कर
    #आग पैदा कर रहे थे
    4 साल पहले फौज के पास हथियार आये लड़ने को,70 साल से चोर सिपाही खेल के लड़ाइयों का फैसला होता था #पाकिस्तान के साथ ।
    4 साल पहले #युवा एक्टिव हुए हैं, 70 साल से सोते हुए भी थक जाते थे ।
    4 साल पहले आधुनिक एम्स ओर अन्य चिकित्सा सुविधा मिलनी शुरू हुई #70 साल से तो एलियन आते थे इलाज करने।
    4 साल में इंस्टिट्यूट ओर अन्य विश्वविद्यालय बनाये गए #70 साल से तो जंगलो में बरगद के पेड़ के नीचे पढ़ते थे ।
    4 साल से ही तो उपग्रह छोड़ने शुरू हुवे #70 साल से तो कंडील छोड़ रहे थे आसमान में।

  4. हे पार्थ! सत्ता के रणक्षेत्र में तू किसी अन्य की बात बिल्कुल मत सुन। क्योंकि:

    मैं संतो में ‘राम रहीम’ हूँ!
    मैं ही ‘आसाराम’ हूँ!
    चोरों में ‘विजय माल्या’ हूँ!
    भगोडों में ‘नीरव मोदी’ हूँ।
    मित्रों में ‘गौतम अदानी’ हूँ!
    अमीरों में ‘मुकेश अम्बानी’ हूँ!
    स्थानों में ‘गोधरा’ हूँ!
    शब्दों में ‘मित्रों’ हूँ!
    हिन्दुओं में ‘राम-मंदिर’ हूँ!
    मुसलमानों में ‘तीन तलाक’ हूँ!
    उत्तर प्रदेश में ‘गंगा का बेटा’ हूँ!
    गुजरात में ‘पटेल का चेला’ हूँ!
    महाराष्ट्र में ‘शिवाजी का शिष्य’ हूँ!
    देवों में ‘बाबा रामदेव’ हूँ!
    सिंहों में ‘गिरिराज सिंह’ हूँ!
    अर्थशास्त्रियों में ‘नोटबंदी’ हूँ!
    टैक्सों में ‘जीएसटी’ हूँ!
    मशीनों में ‘ईवीएम’ हूँ!
    वकीलों में ‘सुब्रमण्यम स्वामी’ हूँ!
    प्रवक्ताओं में ‘संबित पात्रा’ हूँ!
    ऐंकरों में ‘सुधीर चौधरी’ हूँ!
    चैनलों में ‘जी न्यूज’ हूँ!
    रंगों में सिर्फ ‘भगवा’ हूँ!
    और सुनो
    मैं कहने को तो ‘विकास’ हूँ!
    पर वास्तव में मैं ही ‘पान और पकौड़ा’ हूँ!
    बीवी को मझधार छोडने वाला ‘भगौड़ा’ हूँ!
    मैं ‘कामदार’ भी हूँ!
    और
    मैं ‘चौकीदार’ भी हूँ!
    मैं ‘भागीदार’ भी हूँ!
    मैं ‘दागदार’ भी हूँ।
    मैं ‘खड़ा’ भी हूँ!
    और
    चार सालों से अपनी तमाम
    झूठी बातों पर ‘अड़ा’ भी हूँ!
    वास्तव में मैं ही
    असली ‘जुमलेबाज-नौटंकीबाज’ के
    साथ-साथ ‘घोटालेबाज’ भी हूँ!
    नमो : नमो :

  5. हिंदुत्व के परचम तले गालियां और बकवास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    भक्तों की है मुझमें आस्था, मूर्खों का विश्वास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    आता जाता कुछ नहीं मुझे, पर बोलता बिंदास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    यहां बैन, किन्तु निर्यात में अव्वल मैं गौ माता का मांस हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    दुनिया में हूँ शेर बना पर मालिकों का शेरू मैं ख़ास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    खोखली शान बघारने को बदला गया इतिहास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    राम मंदिर के झांसों में फिर चुनाव जीतने का प्रयास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    कहने को फ़कीर, पर वस्त्र, भोजन व भ्रमण का करता भोग विलास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    अंदर से हूँ पूरा चिरकुट, बाहर से बड़ा ही झक्कास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    भेजे में तो भरा है गोबर, मुंह से करता हगास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर बन कर रह गया संडास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    डुबा के पूरी अर्थव्यवस्था करता मैं विदेश प्रवास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    खून पी कर देश का , मैं करता उपवास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    वोट देने वालों की अक्षम्य भूल का एहसास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    नोटबन्दी में बिफ़रने वालों की पीड़ा का आभास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    बिना ऑक्सीजन मरते बच्चों का अकाल यम त्रास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    बहनों पर डंडे चलवाता, ओढ़े एन्टी रोमियो लिबास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    भूख से जूझते जन की वेदना, पूंजीपतियों का उल्लास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    सीमा पर लड़ते जवानों की शहीदी का अनुप्रास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    शांति, प्रेम, सौहार्द, मानवता सब कर चुका ग्रास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ
    लोकतंत्र जो पी रहा घूंट घूंट वो विष भरा गिलास हूँ,
    हाँ, मैं ही विकास हूँ। कवि राम कुमार जी ।

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