सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया गया है। सरकार के इस फैसले पर सवाल उठने लगे है कि आखिर बिना विपक्ष और चीफ जस्टिस से बिना पूछे ये फैसला ले लिया गया है।
इस मामले पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पीएम मोदी के इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता की बिना पूछे सीबीआई निदेशक को हटाने का फैसला ले लिया गया।
मनीषा तिवारी ने सोशल मीडिया पर लिखा- लोकपाल क़ानून के मुताबिक सीबीआई डायरेक्टर का कार्यकाल दो साल के लिए तय किया गया है।
आलोक वर्मा की छुट्टी कर मोदी सरकार ने रातों-रात नया ‘तोता’ तैयार कर दिया, नाम है- नागेश्वर राव
प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और विपक्ष के नेता की कमेटी के फ़ैसले के बगैर सरकार न तो उनका कार्यकाल कम कर सकती है और न ही अंतरिम उपाय ही कर सकती है।
In terms of both Lok Pal Act & Supreme Court Judgment in Jain Hawala case-Director CBI has a fixed tenure of 2 years.Govt can not curtail tenure/take interim measures without a meeting of Committee consisting of PM,CJI & leader of Opposition/single largest party.Prima Facie ?able pic.twitter.com/89GowQg6Jh
— Manish Tewari (@ManishTewari) October 24, 2018
गौरतलब हो कि रातों रात सीबीआई के दोनों निदेशकों को छुट्टी पर भेज दिया गया। साथ ही राकेश अस्थाना पर लगे रिश्वतखोरी मामले की जांच कर रहे दर्जनों अधिकारियों का ट्रान्सफर कर दिया गया है।
कोई हिंदू-मुसलमान दिखा रहा है कोई पाकिस्तान से डरा रहा है, क्या गोदी मीडिया CBI को बचा रहा है?
अब मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुके है जिसकी सुनवाई अब 26 अक्टूबर को होगी।