सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया गया है। सरकार के इस फैसले पर सवाल उठने लगे है कि आखिर बिना विपक्ष और चीफ जस्टिस से बिना पूछे ये फैसला ले लिया गया है।

इस मामले पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पीएम मोदी के इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता की बिना पूछे सीबीआई निदेशक को हटाने का फैसला ले लिया गया।

मनीषा तिवारी ने सोशल मीडिया पर लिखा- लोकपाल क़ानून के मुताबिक सीबीआई डायरेक्टर का कार्यकाल दो साल के लिए तय किया गया है।

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प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और विपक्ष के नेता की कमेटी के फ़ैसले के बगैर सरकार न तो उनका कार्यकाल कम कर सकती है और न ही अंतरिम उपाय ही कर सकती है।

गौरतलब हो कि रातों रात सीबीआई के दोनों निदेशकों को छुट्टी पर भेज दिया गया। साथ ही राकेश अस्थाना पर लगे रिश्वतखोरी मामले की जांच कर रहे दर्जनों अधिकारियों का ट्रान्सफर कर दिया गया है।

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अब मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुके है जिसकी सुनवाई अब 26 अक्टूबर को होगी।

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