2014 के मेनिफेस्टो में बीजेपी द्वारा किया गया ऐसा कोई वादा नहीं है जिसपर इस सरकार ने पलटी नहीं मारी! मसलन चाहे वो देश के हरेक नागरिक को 15 लाख देने का वादा, सालाना दो करोड़ नौकरी देने का वादा, किसानों की आय दोगुनी हो या फिर गंगा सफाई का वादा हो।

ये वादे किस आंधी में उड़ गए इसका कोई पता नहीं है। मगर जो लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार को उनके वादे याद दिला रहे हैं उनको भाजपा सरकार याद दिलाने से रोक रही है। उनकी आवाज़ को दबाया जा रहा है।

पिछले 111 दिनों से गंगा की सफाई के लिए हरिद्वार में अनशन कर रहे प्रोफेसर जीडी अग्रवाल को उत्तरखंड पुलिस अनशन स्थल से जबरन उठाकर अस्पताल ले गई। प्रो और पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल उर्फ़ स्वामी सानंद गंगा की अविरलता और गंगा के लिए विशेष कानून बनाने के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं।

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अनशन के बाद स्वामी सानंद ने मंगलवार शाम को पानी भी त्याग दिया। वो 22 जून से गंगा विशेष कानून के लिए हरिद्वार में बैठे हुए हैं। लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी!

वहीं भाजपा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक केंद्र सरकार की तरफ से आश्वासन पत्र लेकर अग्रवाल के पास पहुंचे थे, लेकिन उन्हीने केंद्र सरकार के ढुल-मुल रवैये के कारण अपना अनशन तोड़ने से इनकार कर दिया।

निशंक से मुलाकात के दौरान जीडी अग्रवाल ने कहा कि अगर उनकी मांगें जल्दी नहीं मानी गईं तो अपना शारीर त्याग देंगे।

यह कितना आश्चर्यजनक है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस नदी को अपनी माँ का दर्जा दिया था, उसी गंगा नदी की सफाई के लिए अब लोगों को अनशन करना पड़ रहा है। जो लोग गंगा की आवाज़ बन रहे हैं उनकी आवाज़ को दबाया जा रहा है।

इसीलिए देश की सबसे पवित्र नदी को कई रिपोर्ट्स में दुनिया की ‘सबसे संकटग्रस्त’ नदी बताया जाने लगा है।

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