केंद्र की मोदी सरकार इन दिनों उद्योगपति अनिल अंबानी पर काफी मेहरबान नज़र आ रही है। राफ़ेल डील में रिलायंस डिफ़ेन्स को हिस्सेदारी देने के बाद अब केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से स्वास्थ्य बीमा खरीदना अनिवार्य कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि मैसर्स रिलायंस जनरल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के साथ 8,777 रुपये और 22,229 रुपये (क्रमशः कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए) के वार्षिक प्रीमियम पर किया गया है।
यह पॉलिसी राज्य के सभी सरकारी (राजपत्रित और गैर राजपत्रित) कर्मचारियों, विश्वविद्यालयों, आयोगों, स्वायत्त निकाय और पीएसयू को खरीदना अनिवार्य है।
राफ़ेल के बाद S-400 मिसाइल डील में भी रिलायंस का नाम आया, अंबानी भरोसे हो गई है देश की सुरक्षा?
इस आदेश को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “जब आपका दोस्त प्रधानमंत्री हो तो आपको 1,30,000 करोड़ रुपये की राफेल डील भी बगैर किसी अनुभव के मिल सकती है।
लेकिन रुकिए, बस यही काफी नहीं है। आपके लिए और भी है। जाहिर है, जम्मू-कश्मीर के 4,00,000 सरकारी कर्मचारियों का स्वास्थ्य बीमा लेने के लिए भी आपके साथ ही हाथ मिलाया जाएगा”।
When your BFF is the PM, you can get the 1,30,000 Cr. Rafale deal, even without relevant experience. But wait. There’s more!
Apparently, 400,000 JK Govt staff will also be arm twisted into buying health insurance ONLY from your company! https://t.co/DlEOqWA2NH
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 6, 2018
ग़ौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में आदेश जारी होने से दो दिन पहले 18 सितंबर को अनिल अंबानी की रिलायंस ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की थी कि वह रिलायंस जनरल इंश्योरेंस से अलग एक स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमा कंपनी, रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस की स्थापना कर रही है।
चौराहों पर पीटे जा रहे हैं मोदी के हमशक्ल, बोले- 2019 में BJP का नहीं ‘कांग्रेस’ का करूंगा प्रचार
स्वास्थ्य बीमा को समर्पित यह नई कंपनी मोदी की आयुषमान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के साथ अगले वर्ष की शुरुआत में शुरू होने की उम्मीद है।
बीजेपी पहले ही राफ़ेल डील में रिलायंस की हिस्सेदारी के मुद्दे को लेकर विपक्ष के निशाने पर है। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस के ज़रिए रिलायंस को फायेदा पहुंचाने से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।