स्वच्छ भारत का नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को स्वच्छ बनाने में असमर्थ हैं । वाराणसी के धनेसर तालाब की गंदी हालत के विरोध में ऐतिहासिक ‘लाट भैरव रामलीला’ के मुख्य किरदार समेत पूरी रामलीला समिति धरने पर हैं। धनेसर तालाब की इकट्ठे कूड़े और बदबू के चलते शनिवार को रामलीला समिति के सारे पोशाक और पूरे मेकअप में मंच पर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे।

एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह और एडिशनल मुनिसिपल कमिश्नर ए के सिंह ने मौके पर पहुच कर कलाकारों को तालाब की सफाई का आश्वासन दिया है। दो घंटे से प्रदर्शन पर बैठे कलाकारों ने अफसरों के आश्वासन के बाद धरना बंद किया और रामलीला शुरू की।

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बता दें की तालाब की गंदी हालत के चलते राम और लक्ष्मण का किरदार निभा रहे कलाकारों की तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद रामलीला समिति ने धरने पर बैठने का निर्णय लिया। आयोजकों का दावा है कि, ‘लाट भैरव रामलीला’ 16वीं सदी में वापस आ गया है।

उनका कहना है कि ‘लाट भैरव रामलीला’ ज्यादातर मंचन आदमपुर के लाट भैरव मंदिर में हुआ हैं, लेकिन राम-केवट संवाद को वास्तविक्ता का रूप देने के लिए समिति ने शनिवार को धनेसर तालाब पर आई । आयोजकों ने बताया की जब रामलीला समिति शनिवार को धनेसर तालाब आई तो वह कूड़ा भरा हुआ था। जिसके विरोध में रामलीला के पात्र धरने पर बैठे

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