सीबीआई में मचे घमासान से दिल्ली के सियासी गलियारों में हलचलें पैदा हो गई है। यही वजह है कि विरोधी दलों ने अब मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि राकेश अस्थाना पर प्रधानमंत्री का संरक्षण प्राप्त है इसीलिए इस मामले को सरकार रफा दफा करने की कोशिश कर रही है।

येचुरी ने कहा सीबीआई अधिकारी (अस्थाना) को बीजेपी ने संरक्षण दिया और मोदी ने इन्हें विशेष तौर पर चुना।

सीबीआई में अस्थाना के विरोध के बावजूद उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया। ऐसा बीजेपी नेताओं के खिलाफ चल रहे सभी मामलों को रफा-दफा करने के लिए किया गया।

गौरतलब है कि सीबीआई में स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वतखोरी के मामले में FIR दर्ज की गई थी, वहीं दूसरी तरफ अस्थाना ने सीबीआई के नंबर एक डायरेक्टर अलोक वर्मा के खिलाफ कई मामलों में करोड़ रूपये के रिश्वत लेने से जुडी शिकायत कैबिनेट सचिव को भेजी थी।

अस्थाना की गिरफ़्तारी होने से दो अफसरों की लड़ाई आमने सामने आ गई है। राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ एफ़आईआर हैदराबाद के एक बिज़नेसमैन सतीश बाबू सना की शिकायत पर दर्ज हुई है।

सतीश बाबू ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने ख़िलाफ़ जांच रोकने के लिए तीन करोड़ रुपयों की रिश्वत दी। एफ़आईआर में आस्थाना के ख़िलाफ़ साज़िश और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है।

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बता दें कि इस मामले पर मोदी सरकार ने एक्शन लेते हुए राकेश अस्थाना और अलोक वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया है और नया अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को नियुक्त किया है।

जिसे विरोधी दल अलोकतांत्रिक बता रहे है क्योंकि बिना चीफ जस्टिस और विपक्षी नेताओं के सलाह के प्रधानमंत्री अकेले फैसला नहीं ले सकते हैं।

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