देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के दो बड़े अधिकारियों की जंग अब सार्वजनिक हो चुकी है। विपक्षी सीबीआई में छिड़ी इस जंग के लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं। अब माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने इस मुद्दे को लेकर सत्तापक्ष पर निशाना साधा है।
सीताराम येचुरी ने मंगलवार को सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की ओर इशारा करते हुए कहा कि बीजेपी और मोदी के एक चहेते अफसर की वजह से देश की शीर्ष जांच एजेंसी की छवि पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
येचुरी ने ट्वीट कर कहा, “बीजेपी और मोदी की पसंद के अफसर को तमाम विरोधों के बावजूद शीर्ष जांच एजेंसी में तैनात किया गया। इसका एकमात्र मकसद बीजेपी नेताओं के खिलाफ चल रहे मामलों की जांच को रोकना था। अब वह अफसर रंगे हाथ पकड़ा गया है”।
जिसे सस्पेंड करके गिरफ्तार करना चाहिए उसको मिलने बुला रहे हैं मोदी, आखिर क्या छुपा रहे हैं ?
उन्होंने अस्थाना की तैनाती पर सवाल उठाते हुये कहा, “इस अधिकारी को बढ़ावा देने के लिये किसका संरक्षण मिला? सीबीआई निदेशक के सख्त विरोध के बावजूद किसने इस अधिकारी को केंद्रीय जांच एजेंसी के लिये चुना?
अगर अब यह अधिकारी दस्तावेजों का ‘फर्जीवाड़ा’ करने और घूसखोरी के लिये पकड़ा जाता है, तब क्या बीजेपी में उसके संरक्षकों से सख्त सवाल नहीं पूछे जाने चाहिये कि इसमें उनकी क्या भूमिका है”?
येचुरी ने सरकार पर संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले और जिम्मेदारी से समझौता करने वाले दर्जनों अधिकारियों को पिछले चार साल में देश की शीर्ष एजेंसियों में तैनात करने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने अस्थाना को बताया PM का दुलारा, बोले- इसी रिश्वतखोर ने मोदी को क्लीन चिट दिया था
उन्होंने कहा कि यह सब विपक्ष को निशाना बनाने और अपनों को जांच से बचाने के लिए किया गया।
माकपा महासचिव ने कहा, “देश की प्रमुख संस्थाओं की छवि को तहस नहस करने में बीजेपी नेतृत्व की भूमिका देश के इतिहास में अतुलनीय रही है।
आरएसएस का संविधान विरोधी एजेंडा उजागर करना जरूरी है। घृणा फैलाने वाले इनके तौर तरीकों को पराजित किया जाना चाहिये और यह होकर रहेगा”।