राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को निर्देश दिए हैं। जिसमें कोर्ट ने कहा कि राफेल डील की जानकारी न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को बल्कि याचिकाकर्ताओं को भी दी जाये।
कोर्ट ने इसके लिए सरकार को 10 दिन का वक़्त दिया है। कोर्ट की अगली सुनवाई अब अगले महीने 14 नवंबर को होगी।
Supreme Court asks Centre to give details of the pricing and strategic details of #Rafale aircraft in a sealed cover to the court, in 10 days. pic.twitter.com/wqKbErKpbh
— ANI (@ANI) October 31, 2018
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले राफेल डील की प्रक्रिया बताने के लिए सीलबंद लिफाफे में देने की बात कही थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राफेल डील से जुडी सभी सूचनाओं का खुलासा करे कोर्ट ने कहा कि जो सूचनाएं है।
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उसे पब्लिक डोमिन में रखा जा सकता है साथ ही भारतीय ऑफसेट पार्टनर को शामिल करने की जानकारी याचिकाकर्ताओं को भी दी जाये हालाकिं कोर्ट ने साफ़ कहा कि हमें राफेल डील से जुड़े तकनीकी जानकारी नहीं चाहिए।
गौरतलब हो कि इस केस की सुनवाई खुद बीते 27 अक्टूबर को मोदी सरकार ने कोर्ट के आदेश पर राफेल डील की प्रक्रिया से जुडी जानकारी सुप्रीम कोर्ट बंद लिफाफे कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को सौंपी चुकी है।
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इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकार से इस समझौते की प्रक्रिया की पूरी जानकारी मांगी थी कौर्ट कहा कि राफेल लड़ाकू विमान की तकनीकी जानकारियों और कीमत के अलावा डील से जुड़ी और जानकारियां सरकार को कोर्ट मर सौपनी होंगी।
क्या है विवाद
राफेल एक लड़ाकू विमान है जिसे भारत फ्रांस से खरीद रहा है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने विमान महंगी कीमत पर खरीदा है और इस डील से उद्योगपति अनिल अंबानी को फायदा पहुँचाया है। जबकि सरकार का कहना है कि यही सही कीमत है।
बता दें, कि इस डील की शुरुआत यूपीए शासनकाल में हुई थी। कांग्रेस का कहना है कि यूपीए सरकार में 12 दिसंबर, 2012 को 126 राफेल विमानों को 10।2 अरब अमेरिकी डॉलर (तब के 54 हज़ार करोड़ रुपये) में खरीदने का फैसला लिया गया था। इस डील में एक विमान की कीमत 526 करोड़ थी।
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इनमें से 18 विमान तैयार स्थिति में मिलने थे और 108 को भारत की सरकारी कंपनी, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), फ्रांस की कंपनी ‘डसौल्ट’ के साथ मिलकर बनाती। अप्रैल 2015, में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी फ़्रांस यात्रा के दौरान इस डील को रद्द कर इसी जहाज़ को खरीदने के लिए में नई डील की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई डील में एक विमान की कीमत लगभग 1670 करोड़ रुपये होगी और केवल 36 विमान ही खरीदें जाएंगें।