सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे के कथित एनकाउंटर से जुड़ी दो याचिकाओं पर सुनवाई की है। कोर्ट ने इस मामले में योगी सरकार को भी जमकर फटकार लगाई और कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था दुरुस्त रखना सरकार की ज़िम्मेदारी होती है। अदालत ने सरकार से पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है।
8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने से पहले विकास दुबे जमानत पर बाहर था। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे कुख्यात अपराधी की जमानत के लिए आर्डर जारी होने पर हैरानी जताई है। मुख्य न्यायाधीश बोबड़े के नेतृत्व में सुनवाई कर रही पीठ ने इस आर्डर की पूरी रिपोर्ट मांगी है।
दरअसल, कोर्ट वकील घनश्याम और अनूप प्रकाश द्वारा दर्ज6 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इन याचिकाओं में विकास दुबे के एनकाउंटर पर कोर्ट की निगरानी में जांच करने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट की शुरुआती टिप्पणियों से मालूम होता है कि उसे भी यूपी की कानून व्यवस्था पर संदेह है।
इससे पहले विकास दुबे के कथित एनकाउंटर को विपक्ष द्वारा फ़र्ज़ी बताया गया था। जनता ने भी इसपर सवाल उठाए थे। सवाल उठना लाज़मी भी है क्योंकि विकास दुबे की पहुंच नेताओं से लेकर पुलिस डिपार्टमेंट तक थी। आरोप है कि विकास का एनकाउंटर इसलिए हुआ ताकि इन सभी लोगों को बचाया जा सके।