1. बीजेपी नेताओं पर लगे बलात्कार के आरोप

2. बीजेपी नेताओं द्वारा बलात्कारियों का समर्थन

दोनों तरह के नेताओं के ताजा उदाहरण सुर्खियों में है। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और कुछ अन्य लोगों पर एक 16 साल की नाबालिग लड़की के साथ गैंग का आरोप लगा है। आरोप लगाने वाली महिला के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पिटाई के बाद आंत फटने से मौत की वजह बताई गई है। फिलहाल कुलदीप सिंह सीबीआई कस्टडी में है। ये कस्टडी भी सोशल मीडिया पर लगातार दबाव बनाए जाने के कारण संभव हुआ है।

बलात्कारियों का समर्थन करने वाले बीजेपी नेताओं को फिलहाल कश्मीर में देखा गया है। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आसिफा नाम की आठ साल की बच्ची से एक मंदिर में आठ दिनों तक आठ लोग गैंगरेप करते हैं। क्राइम ब्रांच अपने 16 पेज की चार्जशीट में आरोपियों की पहचाना करता है, जिसका मुख्य आरोपी मंदिर का रखवाला सांजिराम है।

बलात्कार की इस वीभत्स घटना को हिंदू-मुस्लिम चश्मे से देखा जाने लगता है। आरोपियों के बचाव में प्रर्दशन किया जाता है जिसे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लीड कर रहे होते हैं PDP-BJP सरकार में मंत्री लाल सिंह चौधरी और चंद्र प्रकाश गंग।

अब सवाल उठता है कि क्या बीजेपी में अचानक से इतने बलात्कार आरोपी और बलात्कारी समर्थक आ गए? इसका जवाब है नहीं। ‘बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार’ का नारा देने वाले नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी के नेता महिलाओं साथ अपराध करने के लिए कुख्यात है।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 2017 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। ये रिपोर्ट महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामलें घोषित करने वाले सांसद/विधायकों के शपथपत्रों का विश्लेषण था। इस रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा महिलाओं के ऊपर अत्याचार करने के मामले बीजेपी नेताओं पर दर्ज हैं।

कुल 1581 (33 प्रतिशत) सांसद/विधायकों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं। इनमे से 51 ने अपने ऊपर महिलओं के ऊपर उत्याचार से संबंधित मामले घोषित किये हैं। इन 51 में 3 सांसद और 48 विधायक शामिल हैं। मुख्य दलों में महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामले घोषित करने वाले सांसद/विधायकों की संख्या- भाजपा के 14, शिवसेना के 7, टीएमसी- 6

पिछले पांच वर्षों के चुनाव में मुख्य दलों में महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामले घोषित करने वाले उम्मीदवारों की संख्या- भाजपा के 48, बसपा के 36, कांग्रेस के 27 (लोकसभा/राज्यसभा और विधानसभाओं को मिलाकर)

ध्यान देने वाली बात ये है कि ये वो मामले हैं जो दर्ज किए गए हैं। ना जाने कई ऐसे मामले होते हैं जो कभी दर्ज ही नहीं होते या होने नहीं दिए जाते।

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