आरटीआई कानून में हुए संशोधन पर समाजसेवी अन्ना हजारे ने बीजेपी के खिलाफ जमकर हमला बोला है। अन्ना हजारे पहले भी आरटीआई कानून लागू करवाने के पक्षधर रहे थे अब जब मोदी सरकार ने RTI में संशोधन कर मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्तों, राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एवं राज्य सूचना आयुक्तों के वेतन, भत्ते और सेवा की कमान अपने हाथ में ले ली है।  

ऐसे में अन्ना हजारे ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने इस कदम के जरिये भारतीय नागरिकों से धोखा किया है।
अन्ना अहमदनगर जिला स्थित अपने गांव रालेगांव सिद्धि में बोल रहे थे। 

उन्होंने कहा कि भारत को आरटीआई कानून 2005 में मिला था लेकिन आरटीआई कानून में इस संशोधन से सरकार इस देश के लोगों के साथ धोखा कर रही है।

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हजारेने कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है लेकिन यदि देश के लोग आरटीआई कानून की शुचिता की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरें तो वह उनका साथ देने के लिए तैयार हैं। 

बता दें कि अन्ना हजारे के आंदोलन के चलते महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र सूचना का अधिकार कानून बनाया था जिसे सूचना के अधिकार कानून 2005 का आधार माना जाता है। ऐसे में देखना ये होगा की क्या कांग्रेस सरकार के विरोध में जैसे अन्ना हजारे ने आंदोलन किया था क्या वैसे ही विरोध प्रदर्शन वो मोदी सरकार कर पायेंगे

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