चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की जनता के लिए अपनी सरकार चुनने का मौका। लेकिन आज के दौर में पूंजीपतियों की कठपुतली बनी सरकारों ने इसे भी पूंजीपतियों के लिए फायदे का सौदा बना दिया है।

मोदी सरकार पर आरोप है कि वो सत्ता में आने के बाद अपने करीबी मुकेश अंबानी और गौतन अडानी जैसे उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है। अब जो खुलासा सामने आया है वो इस आरोप को और मजबूत करता है।

चुनाव के बहाने भाजपा राजस्थान और छत्तीसगढ़ में 2500 करोड़ रुपए खर्च कर रिलायंस जिओ के लिए 2.5 करोड़ कस्टमर बनाने वाली है। इस सब के लिए जनता के टैक्स का पैसा खर्च हो रहा है।

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राजस्थान की भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले 4 सितम्बर 2018, को जनता को अपनी बात पहुँचाने के लिए ‘भामाशाह डिजिटल परिवार योजना’ की घोषणा की है। इसके अंतर्गत एक करोड़ परिवारों को मोबाइल और सिम कनेक्शन दिया जाएगा। एक परिवार को दो मोबाइल और सिम कनेक्शन दिए जाएंगें। जिसके लिए इनके बैंक खतों में 1000 प्रति परिवार डाले जाएँगे।

राजस्थान सरकार के इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड प्लानिंग डिपार्टमेंट ने राज्य के सभी ज़िला कलेक्टरों को पत्र भेजकर आदेश दिया है कि वो राज्य के सभी ब्लोकों में कैंप लगाए जहाँ से योजना के अनतर्गत चुने हुए परिवार के लोग आकर मोबाइल खरीद सकें।

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ध्यान देने वाली बात ये है कि मोबाइल और सिम दोनों ही रिलायंस जिओ को चुना गया है। किसी भी सरकारी योजना में निजी कंपनी को जोड़ने के लिए ये अनिवार्य होता है कि उसमें प्रतिस्पर्धा हो। यानि सरकार सभी कंपनियों को बराबर का मौका दे और जो सबसे कम पैसे में काम के लिए राज़ी हो उसे ठेका दिया जाए। लेकिन यहाँ राजस्थान सरकार ने रिलायंस जिओ, वोडाफ़ोन, एयरटेल, बीएसएनएल को मौका दिया लेकिन इनमें से कोई भी रिलायंस जिओ के अलावा मोबाइल फोन नहीं बनाता है तो ठेका उसे ही मिल गया।

लेकिन सवाल है कि उन कंपनियों को इस दौड़ में शामिल ही क्यों किया गया जो मोबाइल फोने नहीं बनाती हैं? सरकार ने मोबाइल उत्पादन करने वाली कंपनियों को मौका क्यों नहीं दिया? क्या ये पूरी तरह सोचा समझा घोटाला है?

इसी तरह छत्तीसगढ़ में मोबाइल हैंडसेट बनाने वाली कंपनी माइक्रोमैक्स और दूरसंचार सेवा प्रदाता रिलायंस जिओ के गठजोड़ को छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में महिलाओं एवं विद्यार्थियों को 50 लाख फोन वितरित करने के लिए 1,500 करोड़ रुपए का ठेका दिया है।

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माइक्रोमैक्स के सह-संस्थापक विकास जैन ने कहा कि इस परियोजना के तहत राज्य में महिलाओं को 45 लाख स्मार्टफोन दिये जाएंगे। शेष पांच लाख स्मार्टफोन राज्य के कॉलेजों के विद्यार्थियों को दिये जायेंगे।

तो इस तरह देखा जाए तो दोनों राज्यों में भाजपा सरकारों ने मिलाकर 2500 करोड़ रुपए खर्च किए हैं जिस से रिलायंस जिओ को 2.5 करोड़ नए कस्टूमर मिलेंगें। अभी कंपनी के पास 20 करोड़ कस्टूमर हैं तो इस तरह कंपनी के कस्टूमरों 10% से ज़्यादा की बढ़ोतरी होगी।

भाजपा शासित राज्यों में रिलायंस जिओ को इस तरह फायदा तब पहुँचाया जा रहा है जब केंद्र सरकार द्वारा रिलायंस के शिक्षा संसथान ‘जिओ इंस्टिट्यूट’ को इंस्टिट्यूट ऑफ़ एमिनेन्स का दर्जा देने पर विवाद खड़ा हो चुका है।

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