16 अक्टूबर को योगी सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदल दिया है। अब इलाहाबाद को प्रयागराज के नाम से जाना जाएगा।
सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया तक में इस फैसले की जमकर आलोचना हो रही है। इतना ही नहीं इंटरनेशनल मीडिया ‘द गार्डियन’ ने भी योगी सरकार की आलोचना की है।
ख़ैर, योगी आदित्यनाथ सख्त आदमी हैं उनपर आलोचनाओं का कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। लेकिन पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसा हुआ जिससे योगी आदित्यनाथ को फर्क पड़ना चाहिए।
नाम बदलने में महारथी योगीजी क्या आप अपने ‘विकास’ के नारे को बदलकर ‘विनाश’ करेंगे? : प्रकाश राज
क्या आपको लगता है की योगी जी को शहरों के नाम बदलने से पहले पुलिस की बन्दूकें बदलना चाहिए ,
बेचारे मुँह से ठाँय ठाँयकर रहे है!
— Kanhaiya Kumar (@KnhaiyaKumarJNU) October 18, 2018
दरअसल 12 सिंतबर की रात यूपी पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गयी। इस दौरान पिस्तौल फंस गयी और दरोगा को मुंह से ठांय-ठांय की आवाज निकालनी पड़ी।
अगर गोरखपुर का नाम बदल दिया जाये तो क्या अस्पतालों में बच्चों को ‘ऑक्सीजन’ मिल जायेगा?
क्या इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए? क्या स्टेशन और जिला का नाम बदलने वाले योगी आदित्यनाथ को यूपी पुलिस की पुरानी बंदूक नहीं बदलनी चाहिए?