राजस्थान की भाजपा सरकार आने वाले विधानसभा चुनाव में जीतने के लिए राज्य के सांप्रदायिक माहौल की भी चिंता नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार पर सवाल उठाते हुए पुछा है कि हत्या का आरोपी जेल से कैसे भड़काऊ भाषण पर का वीडियो अपलोड कर सकता है।

बता दें, कि कथित ‘लव जिहाद’ के आधार पर राजस्थान में एक मज़दूर अफ्राज़ुल को ज़िन्दा जला देने वाले शम्भूलाल रेगर ने हाल ही में जेल से अपना विडियो अपलोड किया था। वीडियो में उसने कट्टर हिंदुत्व के समर्थन और विशेष समुदाय के विरुद्ध सन्देश दिया था|

कोर्ट ने राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। इसी मामले में याचिकाकर्ता ने आरोपी शंभूलाल रेगर को राजस्थान से दिल्ली के तिहाड़ जेल ट्रांसफर करने की मांग की है।

वहीं मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई की तरफ से कहा गया कि इस मामले की जांच पुलिस कर रही है, आरोपपत्र दाखिल हो चुका है। सीबीआई ने कहा है कि इस मामले की जांच उससे कराने की जरूरत क्यों नहीं है इसका जवाब वो तीन दिनों में दाखिल कर देगी।

मृतक की पत्नी गुलबहार बीबी ने मामले की सीबीआई से स्वतंत्र जांच कराने के लिए याचिका दी है। इसके साथ ही ज्यादा मुआवजा और हत्या के वीडियो को इंटरनेट और ग्रुप से डिलीट करने की मांग की है। केस को राजस्थान से पश्चिम बंगाल ट्रांसफर करने की मांग भी की गई है।

राजस्थान में शम्भूलाल रेगर को कट्टर हिंदुत्व के नए चेहरे के रूप में दिखाया जा रहा है। उसकी गिरफ़्तारी के बाद कट्टर हिन्दू संगठनों ने एक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पर चढ़कर भगवा झंडा लहराया था। हाल ही में रामनवमी के अवसर पर शंभूलाल रैगर की झांकियां निकाली गई थी। इस सब के बावजूद इस मामले में राजस्थान सरकार किसी तरह की सख्त कार्रवाई करती नहीं नज़र आ रही है।

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