दो अप्रैल को दलित समाज के लोगों ने भारत बंद रखा। इस बंद का व्यापक असर पूरे देश में देखने को मिला। अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतरे दलित युवकों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई।

दलितों पर लगातार हो रहे अत्याचार और Sc/St (अत्याचार निरोधक) एक्ट को कमोजर किए जाने के विरोध में यूपी के अपर पुलिस अधिक्षक ने त्याग पत्र दे दिया है। डॉ. बी. पी अशोक ने अपना त्याग पत्र राष्ट्रपति और पुलिस महानिदेश को सौंप दिया है।

अपर पुलिस अधिक्षक बी. पी अशोक के त्याग पत्र की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। उन्होंने अपने त्याग पत्र में लिखा है…

सेवा में
माहमहिम राष्ट्रपति
भारत

महामहिम राष्ट्रपति जी,
भारत में वर्तमान में ऐसी परिस्थीतियां पैदा हो गई है, जिसके कारण मुझे ह्दय से भारी आधात पहुंचा है। कुछ बिंदुओं को आपके संज्ञान में लाकर, मैं अपने जीवन का बहुत कठोर निर्णय ले रहा हूं।

(1) Sc/St एक्ट को कमजोर किया जा रहा है।

(2) संसदीय लोकतंत्र को बचाया जाये। रूल ऑल जज, रूल ऑफ पुलिस के स्थान पर रूल ऑफ लॉ का सम्मान किया जाए

(3) महिलाओं को प्रयाप्त प्रतिनिधित्व अभी तक नहीं दिया गया है।

(4) महिलाओं को SC ST OBC अल्पसंख्यकों को उच्च न्यायालयों में अभी तक प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया।

(5) प्रोन्नतियों में प्रयाप्त प्रतिनिधित्व नहीं है।

(6) श्रेणी चार से श्रेणी एक तक साक्षात्कार युवाओं में आक्रोश पैदा करते हैं। सभी साक्षात्कार खत्म किए जाए

(7) जाति के खिलाफ स्पष्ट कानून बनाया जाए। इन संवैधानिक मांगो को माना जाए या मेरा त्यागपत्र / VRS स्वीकार किया जाए। पूरे देश के आक्रोशित युवाओं से शांति के अपील के साथ ये प्रा.पत्र

प्रेसीत किया जा रहा है। इन परिस्थिती में मुझे बार बार यही ख्याल आ रहा है कि अब नहीं कब, हम नहीं तो कौन। सादर प्रेरित

डॉ. बी. पी अशोक
अपर पुलिस अधिक्षक
पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय
उ. प्र.

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