भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति ख़राब हो चुकी है। डॉलर के मुकाबले रूपये की कीमत का लगातार गिरना, अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दामों के दाम बढ़ना और देश में आईएलएफएस जैसे बड़े आर्थिक संकटों ने बाज़ार की स्थिति बिगाड़ के रख दी है और हालात ऐसे हो गए हैं कि कुछ मिनटों में निवेशकों को लाखों करोड़ का नुकसान हो रहा है।

गुरुवार की सुबह शेयर बाजार के निवेशकों के लिए सुनामी लेकर आई। जब  बाजार खुला, उसके पांच मिनट में निवेशकों के चार लाख करोड़ से ज्यादा डूब गए। वहीं 1500 कंपनियों के शेयर लाल निशान के साथ कारोबार करते हुए देखे गए।

शेयर बाज़ार में गिरावट लगातार चल रही है और केंद्र सरकार इसे रोकने में नाकाम नज़र आ रही है। सितम्बर में भी शेयर बाज़ार में निवेशक 13 लाख करोड़ से ज़्यादा गवा चुके हैं।

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बॉम्बे स्टॉक एक्सजेंच (बीएसई) का सूचकांक सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी, दोनों दो प्रतिशत से ज्यादा गिरावट के साथ खुले।

697.07 की गिरावट के साथ खुलने के तुरंत बाद सेंसेक्स ने 1000 अंक का गोता लगा दिया और 33,759 पर पहुंच गया।

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वहीं, निफ्टी में भी 290.3 अंकों की गिरावट के साथ 10,169.80 पर कारोबार की शुरुआत हुई। शेयर बाजार में आई इस गिरावट के कारण कुछ ही मिनटों में निवेशकों के चार लाख करोड़ रुपये डूब गए।

बुधवार को बीएसई में मौजूद कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 138.39 लाख करोड़ रुपये था जो गुरुवार की सुबह घटकर 134.38 लाख करोड़ रुपये हो गया।

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