हर जरूरी मुद्दों की तरह अखिल भारतीय किसान सभा का मुद्दा भी भारतीय मीडिया में वंचित है। 6 मार्च से ही अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले हजारों किसान लॉन्ग मार्च कर रहे हैं।

किसान 200 किलोमीटर लंबी पदयात्रा कर रहे हैं। ये पदयात्रा महाराष्ट्र के नासिक से चलकर मुम्बई तक जाएगी। ये किसान केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार की किसान विरोधी और जन विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसानों की भीड़ सरकार के खिलाफ 200 किलोमिटर लंबी पदयात्रा कर रही है लेकिन टीवी मीडिया एक बार भी नहीं दिखाता क्यों? क्या टीवी मीडिया भी किसान विरोधी और जन विरोधी हो चुका है?

सोशल मीडिया पर इन किसानों के लिए #KisanLongMarch से ट्वीट किया जा रहा है। इस हैशटैग के माध्यम से हजार ट्वीट किए जा चुके हैं लेकिन मीडिया आंख बंद किए हुए है।

आम आमदी पार्टी के प्रवक्ता दिलीप कुमार पाण्डेय ने किसान मार्च की वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि ‘ये है ख़बर, और पूरी कोशिश हो रही है कि आप रहें इससे बेख़बर’

किसना सभा में मौजूद किसानों का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की फडणवीस सरकार ने किसानों से झूठ बोला है और धोखा दिया है। किसानों की मांग है कि फडणवीस सरकार अपने वादे के मुताबिक किसानों का लोन माफ करें।

किसानों की मांग-

– सरकार उनके फसल का वो मुल्य तय करें जिससे उन्हें फायदा हो।

– एमएस स्वामीनाथन की सिफ़ारिशों को जल्द से जल्द लागू किया जाए, बता दें कि प्रोफ़ेसर स्वामीनाथन की अध्यक्षता में नवंबर 2004 को ‘नेशनल कमीशन ऑन फारमर्स’ बना था।

– गरीब किसानों और कृषि मजदूरों को पेंशन योजनाओं में वृद्धि।

– सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) से जुड़ी समस्याओं को हल किया जाए।

बता दें कि किसानों का मार्च जितना आगे बढ़ रहा है, किसनों की संख्या उतनी ही बढ़ती जा रही है। 1000 किसानों के साथ शुरू हुआ ये यात्रा 5000 किसानों में तब्दील हो चुका है।

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