झूठी और फर्जी खबरों पर लगाम लगाने के लिए मलेशिया सरकार ने विधेयक पेश किया। मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक की सरकार ने वहां के संसद में फर्जी ख़बरों को रोकने के लिए कानून पेश किया है।

विधायक के अनुसार “फेक न्यूज़” प्रचारित-प्रसारित करने वाले मीडिया संगठनों पर 128,140  डॉलर का जुर्माना लगाया जाएगा यानि लगभग 83 लाख रूपए। इसके अलावा खबर प्रचारित करने वाले पत्रकार को कम से कम दस साल तक की सजा सुनाई जा सकती है।

सरकार ने इस विधेयक के जरिए जनता के हितों को सुरक्षित रखने और बेबुनियादी खबरों के प्रसार पर रोक लगाने को मकसद बताया है। इसके अलावा ये भी कहा गया है कि इस मामले में कानून बन जाने के बाद जनता अधिक जवाबदेह बन सकेगी और समाचारों एवं जानकारी को साझा करने में सावधानी बरतेगी।

फेक न्यूज़ पर रोक लगाने में मलेशिया के अलवा भी बहुत सरे देश आगे आए हैं। मगर भारत इन सब से बहुत दूर है। भारत में फेक न्यूज़ चलने वालों पर कोई रोक नहीं है।

अगर भारत के मेनस्ट्रीम मीडिया चैनलों को देखा जाए तो जल्दबाजी और प्रचार करने में अक्सर वो झूठी खबरे फैला देते है बाद में भले ही उसके लिए माफ़ी मांग ली जाती हो।

इस खबर के सामने आने के बाद ट्विटर पर लोगों ने भारतीये मीडिया पर तंज कसना शुरू कर दिया है।

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