जिस नोटबंदी को मोदी सरकार ने बड़े ही धूमधाम से लागू किया था। उसका असर सीधे कंपनियों पर पड़ा है। जिसके चलते भारत में सबसे ज्यादा शेल कंपनियां बंद हुई जिसकी संख्या एक या दो नहीं बल्कि 6 लाख 80 हजार है। ये सभी कंपनी भारत में बंद होने वाली कंपनियां कुल 36 फीसद है, ये जानकारी खुद मोदी सरकार ने संसद में दी है।

मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर (MCA) ने संसद में इस बात की जानकारी दी की सरकार ने उन कंपनियों की पहचान करने और उन्हें बंद करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया था।

जिसके तहत लगातार दो वित्त वर्षों से अधिक समय से सालाना रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो उन्हें सीधे बंद कंपनी मान लिया जाना चाहिए। सरकारी डेटा की माने तो देश में कुल 1.9 मिलियन कंपनियां रजिस्टर्ड हैं।

जिसमे सरकार ने ऐसी कंपनियों की पहचान की जो दो साल से अपना रिटर्न फाइल नहीं कर रहे थे। उन्हें सरकार ने कंपनी एक्ट 2013 के सेक्शन 248 (1) के अंतर्गत आने वाले नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन रद कर दिया गया। साल 2017-18 में इसमें 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।

जिन कंपनियों को बंद कर दिया गया है उनमें से सबसे ज्यादा कंपनी दिल्ली और महाराष्ट्र से है। इस बारे में खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से संसद को बताया कि दिल्ली में जहां 1,42,425 कंपनियां बंद हुईं, जबकि महाराष्ट्र में 1,25,937 कंपनियां बंद हो गई हैं।

जबकि इसमें तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में देश की आधे से ज्यादा बंद होने वाली कंपनियां शामिल हैं। एमसीए ने साल 2017-18 में करीब 2,20,000 कंपनियों को रजिस्ट्रेशन लिस्ट से हटा दिया था, जबकि साल 2018-19 में 110,000 कंपनियों को इस लिस्ट से हटा दिया गया था।

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