राफेल डील पर अब न्यूयॉर्क टाइम्स ने मोदी सरकार की नियत पर कई सवाल खड़े किए है। अख़बार ने लिखा कि करप्शन को ख़त्म करने का वादा करके सत्ता में आई मोदी सरकार पर राफेल डील में घोटाले के आरोप लग रहे हैं।

रिपोर्ट में चार बड़े सवाल उठाए है जिसमें कहा गया कि विपक्षी दल कांग्रेस लगातार राफेल डील में हुई गड़बड़ी पर इन चार सवालों का जवाब माँगा रही है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा मोदी सरकार को उन्ही का दाव उलटा पड़ चुका है। कांग्रेस को बैठे बैठे एक बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है। अख़बार ने लिखा है कि कांग्रेस ने चार सवाल पूछे थे,जिसका जवाब सरकार अभीतक नहीं दे पाई है।

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पहला सवाल मोदी ने 36 राफेल विमान के लिए सौदे पर नए सिरे से बातचीत क्यों की? दूसरा सवाल की विमान का दाम इनता कम कैसे हो गया?

तीसरा सवाल ये है की जब रिलायंस को लड़ाकू विमान बनाने का अनुभव नहीं तो उन्हें ठेका क्यों दिया। चौथा सबसे अहम सवाल पीएम मोदी की चुप्पी पर पूछा गया है।

अख़बार ने लिखा है भारत में प्रधानमंत्री कार्यालय का कोई प्रवक्ता नहीं है। ऐसा इसलिए क्योकि पीएम मोदी इस मुद्दे पर चुप्पी साधते हुए अपने मंत्रियों और पार्टी के नेताओं को लगा दिया। मगर उनकी ये रणनीति काम नहीं कर रही है।

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अख़बार से बात करते हुए कार्नेगी एंडोमेंट इंटरनेशनल पीस के डायरेक्टर मिलन वैष्णव ने कहा कि मोदी सरकार के साथ सबसे बड़ी समस्या यही कि प्रधानमंत्री कार्यालय में कोई स्पष्ट प्रवक्ता नहीं है,कोई मीडिया सलाहकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इसी वजह से ज़्यादातर मामलों में वो अच्छी और मजबूत दलील नहीं पेश कर पा रहें है। वैष्णव ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा कि मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा चुनाव के वक़्त कांग्रेस को भ्रष्ट कहते थे मगर आज हालत इसके बिलकुल अलग है। क्योकिं मोदी सरकार के समर्थक भी कह रहे है कि रिलायंस ग्रुप को पार्टनर बनाने में कुछ गलत नहीं है।

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