बोलता उत्तर प्रदेश (लखनऊ) : भाजपा और निषाद पार्टी के संयुक्त रैली को लेकर संजय निषाद ने ‘सरकार बनाओ अधिकार पाओ’ नारे के पोस्टर लगाकर लखनऊ को पाट दिया लेकिन आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा नेताओं के न बोलने पर निषाद पार्टी के कार्यकर्ता मायूसी के साथ लौटे.

भाजपा और निषाद पार्टी की संयुक्त रैली ‘सरकार बनाओ, अधिकार पाओ’ के नाम से लखनऊ के रमाबाई आंबेडकर मैदान में आयोजित की गयी. जिसमें केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रैली के संबोधन में यूपी की भाजपा सरकार की खूब तारीफ की.

लेकिन निषाद पार्टी के कार्यकर्ता जिस उम्मीद को लेकर भाजपा के नेताओं को सुनने गए वो मायूसी के साथ वापस लौटे. निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं की मांगों को लेकर भाजपा नेताओं ने कुछ नहीं बोला.

निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं का मानना है कि संजय निषाद ने भाजपा सरकार से आरक्षण की मांगों को पूरा कराने को लेकर कार्यकर्ताओं को बुलाया था. लेकिन रैली में आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा नेताओं ने कुछ नहीं बोला.

अब पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है भाजपा के साथ केवल संजय निषाद चुनाव लड़ेंगे और अकेले वोट करेंगे. निषाद पार्टी का कोई कार्यकर्ता भाजपा को वोट नहीं करेगा.

दरअसल निषाद पार्टी के कार्यकर्ता आरक्षण की मांग को लेकर रैली में आये थे. कार्यकर्ताओं का कहना है कि ‘आरक्षण नहीं तो वोट नहीं’. रैली के समापन के बाद निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सीधे तौर पर कहा है कि आज आरक्षण के संबंध में कोई बात नहीं हुई है भाजपा के साथ केवल संजय जाएंगे, निषाद पार्टी का वोटर और सपोर्टर कोई नहीं जाएगा. हम पहले से भी कह रहे हैं आरक्षण नहीं तो वोट नहीं.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर जब निषाद पार्टी के मुखिया और कार्यकर्ताओं की दिशा अलग-अलग दिख रही है इस स्थिति में संजय निषाद अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और वोटरों को भाजपा के पक्ष में करने में कितना सफल होते हैं चुनावी नतीजे बताएंगे.

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