मोदी सरकार को लगभग साढ़े चार साल हो चुके हैं। इन साढ़े चार साल का परिणाम जनता के सामने है। 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने घोषणापत्र के माध्यम से जितने भी वादे किए थे, उसमें से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ है।

बीजेपी ने घोषणापत्र में लिखा था कि हर राज्य में AIIMS की स्थापना करेंगे। बीजेपी ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में एक भी AIIMS नहीं बानाया है। 100 स्मार्ट सीटी बनाने का वादा था। अब तक एक भी स्मार्ट सीटी नहीं बना है। बुलेट ट्रेन का सपना दिखाया गया था।

कार्यकाल खत्म होन में लगभग 6 महीने बचे हैं, अभी तक एक भी बुलेट ट्रने नहीं चला। इसके अलावा रोजगार, महंगाई, शिक्षा आदि को लेकर बहुत से वाले किए गए थे। उन वादों का परिणाम जनत को पता है।

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ख़ैर, साढ़े चार साल में मोदी सरकार ने घोषणापत्र के वादे भले ही पूरे न किया हो, लेकिन देश का माहौल जरूर खराब कर दिया है। गाय के नाम हत्या जितनी हत्या मोदी सरकार में हुई शायद ही किसी दूसरी सरकार में हुई हो।

डीजल पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं। बेरोजगार युवा दंगाई बन रहे हैं। किसान की आत्महत्या, अल्पसंख्यकों की हत्या, दलितों पर अत्याचार आम हो चले हैं।

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लेकिन ऐसा नहीं है कि मोदी सरकार में सभी दुखी हैं। मोदी सरकार में पीएम मोदी के मित्र बहुत खुश हैं। छोटे व्यपारी भले ही बर्बाद हो गएं हो लेकिन अंबानी, अदानी जैसे मित्रों की मौज है।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने मोदी सरकार के कार्यकाल की संछिप्त समीक्षा की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है-

‘साढ़े 4 साल की मोदी सरकार। पेट्रोल 90 से पार। डॉलर 74 से पार। करोड़ों युवा बेकार। सरकार के तलवे चाट रहे अखबार। किसानों की हाहाकार। अल्पसंख्यकों और दलितों पर वार। बस मौज कर रहे हैं मोदी के यार। वही करते हैं सरकार की जय जयकार। तो अब की बार? भगाएंगे मोदी सरकार!’

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