मोदी सरकार के विकास के तमाम दावों के बीच भूख और कुपोषण के मामले में भारत की स्थिति साल दर साल चिंताजनक होती जा रही है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 119 देशों की लिस्ट में 103वें स्थान पर पहुंच गया है।

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स में लगातार पिछड़ता जा रहा है। इस मामले में साल 2014 में भारत 55वें पायदान पर था, वहीं साल 2015 में भारत 80वें स्थान पर जा पहुंचा।

इसके बाद साल 2016 में 97वें और पिछले साल 100वें पायदान पर आ गया। इस बार रैंकिंग 3 पायदान और गिर गई।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत के ख़राब प्रदर्शन को लेकर वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेई ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

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उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “मोदी राज का त्रासदीदायक सच। 2014 में भारत भूखे देशों की क़तार में 55वें पायदान पर था 2018 में भारत 103 नंबर पर आ गया”।

उन्होंने मोदी सरकार के चार साल के शासनकान में ग्लोबल हंगर इंडेक्स में आई भारी गिरावट के आंकड़े पेश करते हुए पूछा कि क्या यही अच्छे दिन हैं?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की शुरुआत साल 2006 में इंटरनेशनल फ़ूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने की थी, वेल्ट हंगरलाइफ नाम के एक जर्मन संस्था ने 2006 में पहली बार ग्लोबल हंगर इंडेक्स जारी किया था, 2018 में उसकी रिपोर्ट 13वां एडिशन है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में दुनिया के तमाम देशों में खानपान की स्थिति का विस्तृत ब्योरा होता है, मसलन, लोगों को किस तरह का खाद्य पदार्थ मिल रहा है, उसकी गुणवत्ता और मात्रा कितनी है और उसमें कमियां क्या हैं। हर साल अक्टूबर में ये रिपोर्ट जारी की जाती है।

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बता दें कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों से भी खराब है। इस मामले में चीन भारत से काफी आगे है। चीन 25वें नंबर पर है।

वहीं बांग्लादेश 86वें, नेपाल 72वें, श्रीलंका 67वें और म्यामांर 68वें स्थान पर हैं। पाकिस्तान भारत से पीछे है। उसे 106वां स्थान मिला है।

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