राफेल घोटाले में एक के बाद एक परत खुलती जा रही है जिससे मोदी सरकार बुरी तरह फंस चुकी है।
हलिया खुलासे से पता चला है कि फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट के पास ना सिर्फ कोई और विकल्प नहीं था बल्कि एक तरह से दबाव बनाया गया था कि रिलायंस को अपना पार्टनर बनाएगा तभी राफेल डील मिलेगी।
इसे दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि मोदी सरकार ने डसॉल्ट से इसी शर्त पर समझौता किया कि वह रिलायंस का पार्टनर बनकर ही राफेल डील करे।
मोदी-अंबानी का बड़ा फ्रॉड आया सामने! राफेल डील के 10 महीने बाद रिलायंस को मिला था लाइसेंस
अंबानी के लिए इस तरह से खुलेआम तरफदारी करने का जो खुलासा हुआ है उसके बाद तो अब पीएम मोदी सीधा भ्रष्टाचार के आरोप से घिर रहे हैं।
मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पीएम मोदी पर हमला बोला।
इससे पहले मेरा पीएम चोर है कहने वाले राहुल गांधी आज ज्यादा हमलावर दिखे और सीधा सीधा पीएम मोदी को भ्रष्ट कहा।
प्रेस कांफ्रेंस करते हुए राहुल बोले- मेरा प्रधानमंत्री चोर है , मेरा प्रधानमंत्री भ्रष्ट है और मेरा प्रधानमंत्री देश का चौकीदार नहीं बल्कि अंबानी का चौकीदार है। जिसने देश की एयर फोर्स की जेब से हजारों करोड़ निकालकर अंबानी की जेब में डाल दिए।
राफेल के बाद 80,000 करोड़ का पनडुब्बी घोटाला! सरकारी कंपनी को नहीं रिलायंस को दिया ठेका
राहुल गांधी कई बार पीएम मोदी पर हमला बोल चुके हैं लेकिन आज जिस तरह से सीधा सीधा उन्हें भ्रष्ट बताते हुए हमलावर हुए और देश के साथ गद्दारी करने का आरोप लगाकर अपनी मंशा जता दिए कि अब वह आक्रामक तरीके से इस मुद्दे पर आगे बढ़ेंगे।
पक्ष विपक्ष की राजनीति से इतर, राफेल डील की गंभीरता समझी जाए तो यह बहुत बड़ा घोटाला प्रतीत होता है, जिसमें अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए मोदी सरकार हर हद पार कर गई है।
न सिर्फ सरकारी कंपनी को दरकिनार किया, 526 करोड़ में होने वाली पुरानी डील को कैंसिल करके लगभग 3 गुना ज्यादा महंगी डील किया, बल्कि रिलायंस को अपना पार्टनर चुनने के लिए फ्रांस की कंपनी को मजबूर किया।
एक के बाद एक खुलासे ने स्पष्ट कर दिया है कि यह डील देश के लिए नहीं, अंबानी की मुनाफाखोरी के लिए थी और अब यह संभव नहीं है कि इस बात को प्रचारित किया जा सके कि प्रधानमंत्री बेदाग छवि के हैं