मोदी सरकार ने राफेल विमान डील को देश के रक्षा खरीद नीति की परंपरा बना लिया है। प्रधानमंत्री मोदी सरकारी कंपनियों को पीछे कर अपने करीबी उद्योगपतियों की झोली भर रहे हैं। और इस मामले में उद्योगपति अनिल अम्बानी उनकी पहली पसंद हैं।

राफेल विमान डील के इतने विवादित होने के बावजूद सरकार अनिल अम्बानी को फायदा पहुँचाने से बाज नहीं आ रही है।

60,000 करोड़ रुपए के राफेल समझौते के बाद अब मोदी सरकार ने अनिल अम्बानी की रिलायंस डिफेन्स सिस्टम को 80,000 करोड़ रुपए के पनडुब्बी समझौते में शामिल किया है।

भरतीय नौसेना को अपने लिए छह गैर-परमाणु आधुनिक पनडुब्बियों की आवश्यकता है। इसके लिए देश में सबसे काबिल कंपनी ‘मैज़ागौन डॉक’ लिमिटेड’ है।

ये एक सरकारी कंपनी है जो लड़ाकू समुंद्री जहाज और पनडुब्बी बनाने के लिए जानी जाती है। यहाँ तक की मैज़ागौन डॉक परमाणु पनडुब्बी भी भारतीय नौसेना के लिए बना चुकी है। अनुभव की बात करे तो कंपनी वर्ष 1934 में स्थापित हुई थी।

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लेकिन इन सभी बातों को नकारते हुए मोदी सरकार ने इन छह पनडुब्बियों को बनाने का ठेका ‘लार्सेन एवं टब्रो’ और ‘रिलायंस डिफेन्स सिस्टम’ जो कि अनिल अम्बानी की कंपनी है को दिया है। रिलायंस डिफेन्स सिस्टम की तरफ से ये पनडुब्बियां ‘रिलायंस नवल’ बनाएगी।

इसके लिए सरकार ने देश की रक्षा खरीद नीति में बदलाव किये हैं। इन्होने ‘रक्षा खरीद नीति 2016’ में ‘रेविटालाईसिंग डिफेन्स इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम थ्रो स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप’ के नए नियम को जोड़ा।

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इसके मुताबिक, रक्षा में निजी क्षेत्र का बड़े पैमाने पर प्रेरण, विदेशी आपूर्तिकर्ताओं और भारतीय खिलाड़ियों के बीच टाई-अप बनाने के लिए एमओडी द्वारा रक्षा के लिए प्रमुख अनुबंधों का उपयोग किया जाना, प्रमुख अधिग्रहण क्षेत्रों को इस तरह के टाई-अप के लिए आरक्षित किया जाएगा और मौजूदा सार्वजनिक क्षेत्र, यहां तक कि जिनके पास अनुभव और क्षमताएं हैं, उन्हें ऐसे अनुबंधों से बाहर रखा जाएगा।

मतलब निजी कंपनियों को रक्षा सौदों में जगह दी जाएगी और अगर सरकारी कंपनियों को इस मामले में कितना भी अनुभव हो निजी कंपनियों के मुकाबले उन्हें बहुत कम तवज्जों दी जाएगी। चाहे वो कंपनी अनिल अम्बानी जैसे उद्योगपति की क्यों ना हो जिनपर 45000 करोड़ रुपए का कर्ज है।

3 COMMENTS

  1. What the hell, Do you know pipavav and it’s contribution in submarine building? Congress mouthpiss should learn about it, rel. Def. Has purchased pipavav way back and pipavav is in front in submarine building in india.

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