सीबीआई में चल रहे घमासान में नया मोड़ आ गया है। डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को मोदी सरकार ने रातों रात छुट्टी पर भेज दिया।

जिसको लेकर सवाल उठने लगे हैं कि देश की सबसे उच्च जाँच एजेंसी को मोदी सरकार ने खेल का अड्डा बना दिया! सरकार का जब जी चाहा अपने चहेते अफसरों को सीबीआई में नियुक्ति दे दी और जब मन में आया उन्हें छुट्टी पर भेज दिया।

वरिष्ठ नेता शरद यादव ने मोदी सरकार पर संवैधानिक संस्थानों को बर्बाद करने का आरोप लगाया है। शरद ने सोशल मीडिया पर लिखा कि,

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”ये सरकार संवैधानिक संस्थानों को ध्वस्त करती आ रही है, जैसा कि अभी सीबीआई में हो रहा है। जब डायरेक्टर ने राकेश अस्थाना को स्पेशल डायरेक्टर लगाने का विरोध किया था तो मोदी सरकार को उनकी नियुक्ति नहीं करनी चाहिए थी।”

उन्होंने आगे लिखा है कि, “मोदी सरकार इसी तरह सारे देश में बरसों से चल रहे सिस्टम से खिलवाड़ हो रहा है। यह देश हम सभी का है।”

शरद यादव के सरकारी संस्थाओं को लेकर चिंता करना इसीलिए भी जायज़ हो जाता है क्योंकि मोदी सरकार ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके सरकारी विश्वविद्यालयों पर हमले किए, सरकारी संस्थाओं पर एक ही विचारधारा के अयोग्य लोगों को बिठा दिया गया जिससे उनकी गुणवत्ता पर असर साफ़ तौर पर देखने को मिला है।

डायरेक्टर अलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद मोदी सरकार बीती रात 2 बजे एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक की जिम्मेदारी सौंपी है।

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इसपर अलोक वर्मा मोदी सरकार के इस कदम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अलोक वर्मा की याचिका को स्वीकार भी कर लिया है और इसपर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है।

बता दें कि स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना और उनकी रिश्वत कांड की जांच कर रहे अधिकारी ए. के. बस्सी का ट्रांसफर काला पानी कर दिया गया है।

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