कथित राष्ट्रवादी पार्टी बीजेपी के पोस्ट बॉय व देश के प्रधानमंत्री पर कल से तुष्टिकरण का आरोप लग रहा है। नार्थ ईस्ट में जीते के बाद शनिवार शाम पीएम मोदी बीजेपी के नए आलीशान मुख्यालय से भाषण दे रहे थें, इसी दौरान पास के किसी मस्जिद से अजान की आवाज आई।
अजान की आवाज सुनते ही पीएम ने अपना भाषण रोक दिया है औ शांत खड़े हो गए। इस घटना के बाद से ही पीएम पर मुस्लिमों के तुष्टिकरण करने का आरोप लग रहा है, तो कोई इसे अल्लाह का खौफ बता रहा है।
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने अजान के लिए भाषण रोकने पर कहा है कि एक वक्त था मोदी जी ने टोपी पहनने से मना कर दिया था। लेकिन आज उन्हीं नरेंद्र मोदी ने अजान की आवाज सुनी और उनके दिल में खुदा का ऐसा खौफ पैदा हुआ कि उन्होंने भाषण रोक दिया।
लेकिन कई लोग है जो इस घटना को अलग तरह से देख रहे हैं। कई लोग ऐसे भी जिन्हे ये दिखावा मात्र लग रहा है। एक तरफ देश भर में मुस्लिमों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है।
राष्ट्रवाद और धर्म बचाने के नाम अल्पसंख्यकों की हत्या की जा रही है, वही दूसरी तरफ पीएम अजान के दौरान भाषण रोकर खुद को मुस्लिम हितैषी दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
पत्रकार असगर ने 2002 के गुजरात दंगे को याद करते हुए लिखा है कि ‘काश 2002 में गुजरात में उस वक्त भी अज़ान हो जाती। और सब कुछ ठहर जाता।’
2002 का गुजरात दंगा इतना भयानक था कि आज भी मुस्लिम समाज के लोग उसके ख्वाब से भी डरते हैं। तीन दिन तक चले उस हिंसा में 790 मुस्लिम और 254 हिंदू मारे गए। 223 लोग लापता हो गए।
आरोप लगते हैं कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने दंगाइयों को रोकने के लिए जरूरी कार्रवाई नहीं की थी। हालांकि जांच रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट मिल गई थी।