मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में बोलते हुए कहा कि इराक में पिछले चार सालों से लापता 39 भारतीयों की मार दिया गया है।

विदेश मंत्री ने कहा कि हम इस मामले की जांच में जुटे हुए थे अब जब हमें सभी भारतीयों की मौत के बारे में पता चला की तो हम ये बात सदन में बता रहे है।

इसके बाद विपक्षी दल ने इस बात पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि जब सबकी मौत हो चुकी थी तो उन परिवार वालों से झूठ क्यों बोला जो अपनों का इंतजार कर रहे थे। जब सरकार की इस मामले किरकिरी हुई तभी अचानक से फेसबुक डेटा लीक का मामला सामने आ गया।

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप का चुनावी कैंपेन संभाल चुकी कैंम्ब्रिज एनालिटिका ने दावा किया की उसका भारत के चुनावों के भी कनेक्शन है। फिर क्या था इस मामले में कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया। रविशंकर ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस 2019 के चुनावों के लिए कैम्ब्रिज एनालिटिका के संपर्क में थी।

इस आरोप को कांग्रेस अध्यक्ष ने सीधे ख़ारिज करते हुए कहा कि इराक में मारे गए 39 भारतीयों की मौत की खबर दब जाये इसलिए ये आरोप लगाये जा रहे है। राहुल ने कहा कि इसका नतीजा यह हुआ कि मीडिया नेटवर्क से 39 भारतीयों की मौत की खबर गायब हो गई और सरकार की समस्या का समाधान हो गया।

वही कैंम्ब्रिज एनालिटिका ने ये भी खुलासा किया कि साल 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में इसे कॉन्ट्रैक्ट मिला था और कुल टारगेट सीटों में से 90 फीसदी से अधिक पर इसके क्लाइंट को भारी जीत हुई थी। क्योकिं इस मामले बीजेपी अब फसती हुई नज़र आ रही है तो गोदी मीडिया के पत्रकार अब इस डेटा चोरी वाले मामले से ध्यान हटाने की कोशिश करने में जुट गए है।

जी न्यूज़ के एंकर और एडिटर सुधीर चौधरी ने इस मामले पर सोशल मीडिया पर लिखा, जो ग़ुस्सा फ़ेसबुक वाली डेटा चोरी पर है वो 39 भारतीयों की हत्या पर क्यों नहीं है? क्या भारतीयों का खून अब फेसबुक के डेटा से भी सस्ता हो गया है ?


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