राफेल सौदे पर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को अपने सवालों से घेर रही थी और अब सुप्रीम कोर्ट से सरकार को एक बड़ा झटका लगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से राफेल सौदे पर पूरी जानकारी मांगी है और बताया कि राफेल डील पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी।
#RafaleDeal petition: Without issuing a notice, Supreme Court has sought a report from the Union of India with respect to the decision making process. pic.twitter.com/pwPEhmdSFo
— ANI (@ANI) October 10, 2018
कोर्ट ने सरकार से सील बंद लिफाफे में राफेल लड़ाकू विमान के सौदे की पूरी प्रक्रिया की जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार राफेल लड़ाकू विमान की कीमत और तकनीकी जानकारी न दे बल्कि फ्रांस से राफेल डील से लेकर फ्रांस की दसॉ एविएशन से की गई डील तक की जानकारी दें।
मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की अगुवाई में बेंच में शामिल जस्टिस एस के कौल और जस्टिस केएम जोसेफ ने यह फैसला लिया । बेंच ने कहा कि वह सरकार को नोटिस जारी नहीं कर रही हैं बस फैसला लेने के लिए वह राफैल सौदे की प्रक्रिया से सन्तुष्ट होना चाहती हैं।
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कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इंडियन डिफेन्स फ़ोर्स की उपयोगिता पर कोई अपनी राय व्यक्त नहीं कर रही है। बता दें कि विपक्ष राफेल सौदे में विमानों से दाम से लेकर रिलायंस डिफेन्स को फायदा पहुचने के आरोप सरकार पर लगा रही है और इसपर कोर्ट में याचिका भी दी गई थी।
क्या है विवाद
राफेल एक लड़ाकू विमान है जिसे भारत फ्रांस से खरीद रहा है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने विमान महंगी कीमत पर खरीदा है और इस डील से उद्योगपति अनिल अंबानी को फायदा पहुँचाया है। जबकि सरकार का कहना है कि यही सही कीमत है।
बता दें, कि इस डील की शुरुआत यूपीए शासनकाल में हुई थी। कांग्रेस का कहना है कि यूपीए सरकार में 12 दिसंबर, 2012 को 126 राफेल विमानों को 10.2 अरब अमेरिकी डॉलर (तब के 54 हज़ार करोड़ रुपये) में खरीदने का फैसला लिया गया था। इस डील में एक विमान की कीमत 526 करोड़ थी।
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इनमें से 18 विमान तैयार स्थिति में मिलने थे और 108 को भारत की सरकारी कंपनी, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), फ्रांस की कंपनी ‘डसौल्ट’ के साथ मिलकर बनाती। अप्रैल 2015, में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी फ़्रांस यात्रा के दौरान इस डील को रद्द कर इसी जहाज़ को खरीदने के लिए में नई डील की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई डील में एक विमान की कीमत लगभग 1670 करोड़ रुपये होगी और केवल 36 विमान ही खरीदें जाएंगें।