फिल्म पद्मावत का विरोध करने वाले सूरजपाल अम्मू की 8 महीने बाद बीजेपी में वापसी हो गई है। हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष सुभाष बराला ने सूरजपाल का इस्तीफ़ा नामंजूर करते हुए उन्हें पुराने पद पर बहाल कर दिया है। इसके साथ ही सूरजपाल को हरियाणा बीजेपी के प्रवक्ता की अतिरिक्त ज़िम्मेदीरा दी गई है।

बीजेपी के इस फैसले पर सूरजपाल ने खुशी ज़ाहिर की है। उन्होंने कहा कि ये मेरे लिए घर वापस लौट आने जैसा है। बता दें कि इसी साल 31 जनवरी को फिल्म पद्मावत का विरोध करते हुए सूरजपाल अम्मू ने हरियाणा बीजेपी के मुख्य मीडिया समन्वयक के पद से इस्तीफा दिया था।

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सूरजपाल ने कहा, ‘पिछले 29-30 वर्षों से मैं पार्टी के अलग-अलग पदों और इसकी छात्र शाखा के लिए काम करता आ रहा हूं। पार्टी से दूर रहने के ये आठ महीने मेरे लिए बहुत मुश्किल थे। हालांकि मैं अलग-अलग सामाजिक संगठनों में काम करता रहा, यह मेरे लिए घर आने जैसा है।’

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ग़ौरतलब है कि सूरजपाल अम्मू वही शख्स हैं, जिन्होंने फिल्म पद्मावत के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के दौरान दीपिका पादुकोण और फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली का सिर काटने के लिए 10 करोड़ रुपए इनाम की घोषणा की थी।

सूरजपाल अम्मू के इसी विवादित बयान को लेकर बीजेपी विपक्षियों के निशाने पर आ गई थी। हंगामे को शांत कराने के लिए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला ने अमू को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था, जिसके बाद सूरजपाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

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सूरजपाल का इस्तीफ़ा नामंज़ूर किए जाने और पार्टी में उन्हें अतिरिक्त ज़िम्मेदारी दिए जाने पर कांग्रेस ने ऐतराज़ जताया है। भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव चंद यादव ने ट्वीट कर कहा,

“जिन्होंने एक स्त्री के सर को काटने पर 10 करोड़ रूपये का इनाम रखा था, ऐसे लोगों भाजपा हरियाणा का प्रवक्ता बना रही है। आप ही बताये, ऐसे में हरियाणा की बहन बेटिया सुरक्षित रहेंगी”?

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