आज से ठीक एक साल पहले 28 मार्च, 2017 को तमाम छात्र UGC के बाहर सीट कट को लेकर प्रदर्शन कर रहे थें। आज एक साल बाद फिर छात्र और सरकार आमने सामने हैं। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों और शिक्षकों ने मंडी हाउस से संसद तक मार्च निकाला।
ये मार्च सरकार द्वारा किए जा रहे शिक्षा के बाजारीकरण के विरोध में निकाला गया। इस पैदल मार्च का आयोजन जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) और दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स असोसिएशन (डीयूटीए) ने मिलकर किया है।
मोर्चे में शामिल होने वाले शिक्षक बीते हफ्ते केंद्र सरकार के देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के ऑटोनोमस (स्वायत्ता) प्रदान किए जाने के फैसले का विरोध कर रहै हैं। वहीं जेएनयू के छात्र और शिक्षक जेएनयू के डीन को हटाने, शिक्षकों को प्रताड़ित करने, शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
हजारों में संख्या में पहुंचे छात्रों और शिक्षकों के हाथ में बैनर, पोस्टर और तख्तियां थी, जिनपर तरह तरह के स्लोगन लिखे थें। जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने इस प्रोटेस्ट में शामिल एक छात्र की फोटो शेयर करते हुए ट्वीट किया है कि ‘राष्ट्रपति हो या चपरासी की संतान, सबको शिक्षा एक समान! Autonomy धोखा है, धक्का मारो मौक़ा है।’
कन्हैया ने जिस छात्र की फोटो शेयर की उसके पोस्टर लिखा था ‘काश मोदी भी पढ़े होते, तो आज हमारे साथ खड़े होते’
