हाल ही में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को लेकर एबीपी न्यूज़ द्वारा किया एक का सर्वे सामने आया था।

जिसमें दावा किया गया था कि रोजगार देने के मामले में योगी आदित्यनाथ राज्य के सबसे बेहतर मुख्यमंत्री साबित हुए हैं। सरकार ने अपने 4 साल के शासन काल में लाखों रोजगार दिए हैं।

इसी बीच इस सर्वे के झूठे दावे की पोल खोलती हुई एक खबर सामने आई है। खबर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वीडीओ भर्ती 2018 की परीक्षा को रद्द कर दिया है।

यूपीएसएसएससी ने साल 2018 में 1953 पदों पर भर्ती निकाली थी। जिसके लिए करीब 14 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था।

परीक्षा का रिजल्ट तकरीबन डेढ़ साल बाद घोषित किया गया है। लेकिन अब सरकार ने इस भर्ती को निरस्त करने का फैसला सुना दिया है।

कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी ने इस सन्दर्भ में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “VDO-2018 की परीक्षा देकर युवाओं ने 2021 तक नियुक्ति का इंतजार किया। तारीख पर तारीख आती गई।

नियुक्ति न मिली। हर नई तारीख एक पत्थर की तरह चोट करती थी। कल भर्ती निरस्त हो गई। इन युवा आंखों में अंधेरा छा गया। सीएम साहब के प्रचार में ही बहार है। मगर यूपी का युवा नौकरी से बाहर है।”

उत्तर प्रदेश सरकार ने वीडीओ परीक्षा 2018 के तहत होने वाली इस भर्ती को निरस्त करने के पीछे वजह धांधलीबाजी बताई है।

साल 2019 में परीक्षा के नतीजे घोषित किए जाने के बाद इसमें गड़बड़ी होने की आशंका पर एसआईटी जांच करवाई गई थी। एसआईटी जांच में गड़बड़ी होने पुष्टि किए जाने के बाद परीक्षाओं को निरस्त किया गया है।

आपको बता दें कि आयोग ने ग्राम पंचायत अधिकारी के लिए 1527 भर्तियां, ग्राम विकास अधिकारी के लिए 362 भर्तियां और पर्यवेक्षक के लिए 64 भर्तियां का निकाली थीं।

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