गंगा सफाई के मुद्दे पर आज दूसरे शख्स ने दुनिया छोड़ दी। सरकारों को पत्र लिखा अनशन पर बैठे रहें मगर कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल अनशन करते करते दुनिया को अलविदा कह गए।
मगर खुद को गंगा माँ का बेटा कहने वाले प्रधानमंत्री मोदी खामोश है क्योंकि ये मौत सरकार की बड़ी नाकामियों से एक है।
इस मामले पर निर्देशक विनोद कापरी ने सोशल मीडिया पर लिखा, प्रिय उमा जी- प्रधानमंत्री जी, गंगा की सफ़ाई के लिये लड़ते लड़ते एक साधु ने जान दे दी।
नहीं रहे गंगा के असली पुत्र जीडी अग्रवाल, गंगा को बचाने के लिए 111 दिनों से कर रहे थे अनशन
आपको तो पता होगा ना कि वो 111 दिन से अनशन पर थे। गंगा तो आप कभी साफ़ नहीं कर पाएँगे, कम से कम इस सन्यासी को तो बचा लेते। इस अक्षम्य अपराध के लिये माफ़ी भी नहीं माँगेंगे?
प्रिय उमा जी- प्रधानमंत्री जी,गंगा की सफ़ाई के लिये लड़ते लड़ते एक साधु ने जान दे दी.आपको तो पता होगा ना कि वो 112 दिन से अनशन पर थे।गंगा तो आप कभी साफ़ नहीं कर पाएँगे,कम से कम इस सन्यासी को तो बचा लेते।इस अक्षम्य अपराध के लिये माफ़ी भी नहीं माँगेंगे? @umasribharti @narendramodi
— Vinod Kapri (@vinodkapri) October 11, 2018
बता दें कि प्रोफसर जीडी अग्रवाल पिछले 111 दिनों से गंगा की सफाई के लिए हरिद्वार में अनशन कर रहे थे। बुधवार को उत्तराखंड पुलिस प्रोफेसर अग्रवाल को अनशन स्थल से जबरन उठाकर अस्पताल ले गई थी।
माँ गंगा की क़समें खाने वाले बेशर्म नेताओं, सत्ता के लालच में तुमने एक तपस्वी की जान ले ली
उत्तराखंड से दिल्ली लाते समय उनका निधन हो गया। प्रोफेसर और पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल को स्वामी सानंद के नाम से भी जाना जाता है।