साल 2017 में भारतीय जनता पार्टी पर गोवा और मणिपुर में जनादेश के ख़िलाफ जाने के आरोप लगे थे। अब ऐसी ही कोशिश मेघालय में चल रही है राज्यपाल गंगा प्रसाद कभी भी इस बारे में घोषणा कर सकते है।

बीजेपी ने किरण रिजीजू और केजे अलफोंस को मेघालय का पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था। जिससे करीब साफ़ हो गया की बीजेपी दो सीटें जीतने के बाद भी सत्ता के सुख लेने जा रही है।

मेघालय के चुनावी नतीजों पर नज़र डाली जाये तो कांग्रेस को 60 सीटें में 21 सीटें मिली है। वही नतीजों को देखते हुए दूसरी बड़ी पार्टी के तौर पर नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के खाते में 19 सीटें आईं।

मगर इन सब में बीजेपी ने राजनीति का वो चमत्कार कर दिखाया है जो अगर पहली बार हो तो अपवाद होगा अगर तीसरी बार हो तो शक पैदा होता है।

इससे पहले गोवा और मणिपुर के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी होने बावजूद कांग्रेस के हाथ सत्ता नहीं आ पाई थी। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने बकायदा ट्वीट करते हुए कहा था कि, “एक ऐसी पार्टी जो दूसरे नंबर पर आई है उसे सरकार बनाने का कोई अधिकार नहीं है। बीजेपी गोवा और मणिपुर में चुनाव (बहुमत) चुरा रही है।

बता दे कि नियम के अनुसार राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का न्यौता देते हैं। ऐसे में अगर ज्यादा सीट लाने वाली पार्टी अगर अपना बहुमत साबित नहीं कर पाती है तब दूसरे बड़ी पार्टी को मौका मिलता है।

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