रिज़र्व बैंक और मोदी सरकार में तकरार की खबरों ने सियासी गलियारे में एक बार फिर हलचलें पैदा कर दी है। जिस तरह से डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने सरकार पर आरबीआई के कामों में दखल देने की बात कही।
उसे देख लगता है कि अब सीबीआई के बाद आरबीआई भी मोदी सरकार के दबाव में काम करना नहीं चाहती है। केंद्र की मोदी सरकार इस मामले को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, “सीबीआई के बाद अब आरबीआई की बारी है। सरकार पर देश की संस्थाओं को बर्बाद करने का भूत सवार है। अब लोग हमारी संस्थाओं के ख़िलाफ़ सर्जिकल स्ट्राइक से जाग चुके हैं”।
कर्जमाफी के लिए RBI को दबा रहे हैं मोदी, ऐसे ही नोटबंदी के लिए 2017 में ‘रघुराम राजन’ को हटाया था
After CBI it is the turn of RBI. The govt is hell bent on destroying all the institutions of our country. High time the people woke up to these surgical strikes against our own institutions.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) October 31, 2018
वहीं, सीपीआईएम नेता सीताराम येचूरी ने इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्विटर के ज़रिए कहा, “किसी की नहीं सुनी। सिर्फ़ जुमला कसना और लोगों से झूठे वायदे करना मोदी सरकार का उद्देश्य है।
आर॰बी॰आई॰ के पूर्व गवर्नर की राय के ख़िलाफ़ नोटबंदी लागू कर के अर्थव्यवस्था तहस-नहस कर दी। अब फिर विनाश की ओर”।
किसी की नहीं सुनी।सिर्फ़ जुमला कसना और लोगों से झूठे वायदे करना मोदी सरकार का उद्देश्य है। आर॰बी॰आई॰ के पूर्व गवर्नर की राय के ख़िलाफ़ नोटबंदी लागू कर के अर्थव्यवस्था तहस-नहस कर दी।अब फिर विनाश की ओर.. pic.twitter.com/Y4amke5RqJ
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) October 30, 2018
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने आरबीआई से ब्याज दर कम करने को कहा था मगर ऐसा हुआ नहीं। आरबीआई का कहना है कि जिस तरह से सरकार बैंकों से लिए कर्ज को माफ़ कर रही है।
CBI के बाद अब सरकार की RBI से ठनी, डिप्टी गवर्नर बोले- RBI को कमजोर कर रहे हैं मोदी
उसका नतीजा आने वाले समय में खतरनाक साबित हो सकता है। आरबीआई का कहना है कि मोदी सरकार बैंकों के काम में दखल न दे तो ही अच्छा है।