सालभर में 21000 करोड़ का निवेश आया था मगर निवेशकों ने सिर्फ एक महीने में 25000 करोड़ निकाल लिया
भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है। निवेशकों का भरोसा इस पर से उठता जा रहा है। और ये बात उनके द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था से निकाले जा रहे पैसों का आंकड़ा बताता है।
हालत ये हो गई है जितना निवेश विदेश से आ नहीं रहा है उस से ज़्यादा निकाला जा रहा है। लाइव मिंट की खबर के मुताबिक, भारतीय बाज़ार से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने (FPI) 3.64 अरब डॉलर यानि लगभग 25 हज़ार करोड़ वापस निकाल लिए हैं। यह सिर्फ अक्टूबर 2018 का आंकड़ा है।
वहीं, निवेश की बात करें तो वर्ष 2017-18, में विदेशी निवेशकों द्वारा 3.1 अरब डॉलर यानि लगभग 21 हज़ार करोड़ का निवेश किया गया। तो जितना निवेश हुआ नहीं उस से ज़्यादा पैसा निकाल लिया गया है।
दरअसल, डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत लगातार गिरती जा रही है और इसके चलते देश में महंगाई भी बढ़ रही है।
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देश में पेट्रोल-डीजल के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं और महंगे ट्रांसपोर्ट के कारण इसका असर भी महंगाई पर पड़ रहा है। अब हो ये रहा है कि महंगाई इतनी होने के कारण बाज़ार में मांग कम हो गई है।
वहीं, देश में ILFS जैसे बड़ी कंपनियों में आय संकट के कारण बाज़ार चिंता में है। देश में निवेश नोटबंदी और जीएसटी के बाद तेज़ी से नहीं बढ़ पा रहा है। इस सब के चलते शेयर बाज़ार की स्तिथि ख़राब है। थोड़ी सी भी बुरी खबर आने से निवेशकों को लाखों करोड़ का नुकसान हो रहा है।
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सितम्बर 2018, में शेयर बाज़ार में निवेशकों के 13 लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा डूब गए हैं। इस सब के चलते विदेशी निवेशकों का भरोसा भारतीय बाज़ार से उठ रहा है। और वो अपना पैसा वापस निकाल रहे हैं।
सरकार इस चौतरफा संकट से निपटने में नाकाम नज़र आ रही है और सब कुछ सही है, बागों में बहार है का नारा दे रही है।