“जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी माँ से मोहब्बत है, उसी तरह मेरा बेटा भी मुझसे मोहब्बत करता है। वो मुझसे दूर है, मेरे बिना वो किस हाल में है ! मैं पिछले दो सालों से उसे ढूंढ रही हूं। उसकी तलाश में शासन से लेकर प्रशासन तक के दरवाज़े खटखटा रही हूं। लेकिन पीएम मोदी को मेरी गुहार सुनाई नहीं दे रही”।

यह कहना है जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद की माँ फातिमा नफ़ीस का। जो पिछले दो सालों से अपने बेटे की तलाश में दिल्ली के चक्कर काट रही हैं।

बेटे के मिल जाने की उम्मीद में वह केंद्र की मोदी सरकार से मदद की गुहार लगा रही हैं। लेकिन उनकी इस गुहार का कितना असर हुआ है इसका अंदाज़ा कोर्ट में पेश की गई सीबीआई की क्लोज़र रिपोर्ट से लगाया जा सकता है।

जिसमें सीबीआई ने इस मामले में हाथ खड़े करते हुए साफ़ कर दिया है कि वो अपने तमाम प्रयासों के बावजूद नजीब को ढ़ूंढने में नाकाम रही है। कोर्ट ने भी सीबीआई को क्लोज़र रिपोर्ट पेश करने की अनुमति दे दी है।

बोलता हिंदुस्तान से बोलीं नजीब की मां- मेरा बेटा लौटकर आएगा, कानून पर भरोसा है मोदी पर नहीं

यानी ये केस अब पूरी तरह से बंद हो गया है। इस लेहाज़ से अब नजीब की माँ फ़ातिमा नफ़ीस को मान लेना चाहिए कि उनका बेटा अब नहीं मिलने वाला। उन्हें अब अपने बेटे की वापसी की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए।

लेकिन क्या एक माँ के लिए यह मान लेना आसान है कि उसका बेटा अब इसलिए वापस नहीं आएगा क्योंकि सीबीआई उसे ढूंढने में नाकाम रही है। फ़ातिमा नफ़ीस से जब बोलता हिन्दुस्तान ने सीबीआई की क्लोज़र रिपोर्ट के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “सीबीआई ने मेरे बेटे का केस तो बंद कर दिया है लिकेन मैं तब तक सुकून से नहीं बैठूंगीं जब तक मेरा बेटा नहीं मिल जाता”।

उन्होंने बताया, “पिछले दो सालों में दिल्ली का शायद ही कोई ऐसी जगह होगी जहां मैं नहीं गई। शासन से लेकर प्रशासन तक हर दरवाज़े को खटखटाया। लेकिन जांच एजेंसीयों ने हमारी मदद करने के बजाय हमें गुमराह किया। सीबीआई को कम से कम ये तो बताना चाहिए की उसने मेरे बेटे को खोजने में क्या एक्शन लिया”।

ABVP के गुंडों को बचाने के लिए CBI नजीब के केस को बंद कर रही है, ये सरकार के इशारे पर हो रहा है

बता दें कि 16 अक्टूबर 2016 को नजीब अहमद से बीजेपी के छात्र संगठन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर मारपीट की थी। जिसके बाद से वह ग़ायब है।

नजीब की गुमशुदगी में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं का नाम होने की वजह से पहले तो मामले को दबाने की कोशिश की गई लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ा तो ये केस सीबीआई को सौंप दिया गया। लेकिन अब सीबीआई ने अपने हाथ खड़े कर यह साबित कर दिया कि उसने इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई नहीं की।

By: Asif Raza

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here